नई दिल्ली, भारत: अमेरिकी संसद में तिब्बत से जुड़ा एक बिल पास किया गया है. इस एक्ट के तहत अमेरिका दुनियाभर में चीन के तिब्बत को लेकर फैलाए गए झूठ का जवाब देगा. इसके अलावा वो चीन और दलाई लामा के बीच बिना शर्त समझौता कराने की कोशिश भी करेगा. इसी बीच अमेरिका का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत आने वाला है, जिसमें पूर्व स्पीकर नैन्सी पेलोसी भी शामिल हैं. वह अगले हफ़्ते भारत दौरे पर आएंगी. धर्मशाला में वह तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से मुलाकात करेंगी. यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब 2022 में ताइवान की यात्रा के दौरान चीन ने नैन्सी पेलोसी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. अब चीन यह देखना चाहेगा कि भारत में दलाई लामा से मुलाक़ात से चीन-अमेरिकी संबंधों पर क्या असर पड़ता है.
हाउस फॉरेन अफ़ेयर्स कमेटी के रिपब्लिकन चेयरमैन माइकल मैककॉल इस द्विदलीय कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व स्पीकर नैन्सी पेलोसी (डी-सीए), हाउस फॉरेन अफ़ेयर्स कमेटी के रैंकिंग सदस्य ग्रेगरी डब्ल्यू. मीक्स (डी-एनवाई), हाउस रूल्स कमेटी के रैंकिंग सदस्य जिम मैकगोवर्न (डी-एमए), हाउस फॉरेन अफ़ेयर्स सबकमेटी ऑन द इंडो-पैसिफिक के रैंकिंग सदस्य अमी बेरा (डी-सीए), और सांसद मारियानेट मिलर-मीक्स (आर-आईए), और निकोल मलियोटाकिस (आर-एनवाई) शामिल हैं.
High level US delegation to travel to India's Dharamshala next week & meet Dalai Lama. House Foreign affairs committee announcement: pic.twitter.com/R6WbW0jwsy
— Sidhant Sibal (@sidhant) June 14, 2024
हाउस फॉरेन अफ़ेयर्स कमेटी के आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि "प्रतिनिधिमंडल वहां रहते हुए परम पावन 14वें दलाई लामा, भारतीय सरकार के अधिकारियों और देश में अमेरिकी व्यवसायों के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात करेगा." चेयरमैन मैककॉल ने कहा, "भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और संयुक्त राज्य अमेरिका का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है." वहीं मैककॉल ने कहा कि तिब्बती "लोकतंत्र प्रेमी लोग" हैं जो अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से अभ्यास करना चाहते हैं.