अमेरिकी सेना ने सभी कोविड वैरिएंट्स के खिलाफ एक खुराक वाली वैक्सीन विकसित की
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo credits: PTI)

नई दिल्ली, 22 दिसम्बर : अमेरिका के एक सैन्य रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कोविड-19 के सभी वैरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी एक खुराक वाली (सिंगल डोज) वैक्सीन विकसित कर ली है. 'डिफेंस वन' की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के वॉल्टर रीड आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन कुछ समय पहले ही तैयार कर ली है, जो कोविड-19 और इसके सभी वैरिएंट्स, यहां तक कि ओमिक्रॉन के खिलाफ भी प्रभावी है. बताया गया है कि जल्द ही इससे जुड़ा एलान किया जा सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सेना के वाल्टर रीड आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च के वैज्ञानिकों द्वारा कुछ हफ्तों के भीतर ही वैक्सीन विकसित करने की आधिकारिक घोषणा किए जाने की उम्मीद है.

डिफेंस वन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पिछले सार्स-मूल के वायरस से दुनिया भर में लाखों लोग मारे गए हैं और अब इसे नियंत्रित करने के उद्देश्य से प्रभावी वैक्सीन की घोषणा होने वाली है. द वाल्टर रीड आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा प्रशासित सबसे बड़ी जैव चिकित्सा अनुसंधान सुविधा है. यह उपलब्धि वायरस पर करीब दो साल के काम का नतीजा है. सेना ने स्पाइक फेरिटिन नैनोपार्टिकल आधारित इस वैक्सीन का निर्माण 2020 की शुरुआत में ही शुरू कर दिया था. वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन को इस तरह निर्मित करने का लक्ष्य रखा था कि यह न केवल कोरोना के मूल स्ट्रेन, बल्कि सभी आगामी वैरिएंट्स का भी मुकाबला कर सके. यह भी पढ़ें : अयोध्या भूमि ‘‘घोटाले’’ में उत्तर प्रदेश सरकार के जांच के आदेश महज दिखावा: प्रियंका गांधी वाद्रा

अमेरिकी सेना की प्रयोगशाला ने 2020 की शुरुआत में कोविड-19 वायरस की अपनी पहली डीएनए सीक्वेंसिंग प्राप्त की थी. डिफेंस वन की रिपोर्ट के अनुसार, वॉल्टर रीड के संक्रामक रोग विभाग के निदेशक डॉ. केवोन मोदजराद ने इस वैक्सीन के निर्माण की पुष्टि करते हुए कहा कि इसके परीक्षण का पहला फेज दिसंबर की शुरुआत में ही पूरा हुआ है और इसे ओमिक्रॉन और बाकी मौजूदा वैरिएंट्स के खिलाफ भी टेस्ट किया गया है. मोदजराद ने कहा, "हमारी पूरी टीम के लिए इस मुकाम तक पहुंचना बहुत रोमांचक है और मैं पूरी सेना के लिए भी ऐसा ही सोचता हूं."

उन्होंने कहा कि वैक्सीन के मानव परीक्षणों में अपेक्षा से अधिक समय लगा, क्योंकि लैब को उन लोगों पर टीके का परीक्षण करने की आवश्यकता थी, जिन्हें न तो टीका लगाया गया था और न ही वे पहले कोविड से संक्रमित थे. टीकाकरण दर में वृद्धि और डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट के तेजी से प्रसार ने इसे मुश्किल बना दिया. मोदजराद ने आगे कहा, "वास्तव में इस वायरस (ओमिक्रॉन) से बचने का कोई रास्ता नहीं है. आप इससे बचने में सक्षम नहीं होंगे. इसलिए मुझे लगता है कि बहुत जल्द या तो पूरी दुनिया का टीकाकरण हो जाएगा या वे संक्रमित हो जाएंगे."