गुवाहाटी, 10 मार्च: असम विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन विपक्षी सदस्यों ने असम पर महाराष्ट्र के विधायक ओमप्रकाश बाबाराव उर्फ बच्चू कडू की आवारा कुत्ते वाली टिप्पणी का मुद्दा उठाया. शुक्रवार को विपक्षी विधायकों के हंगामे से राज्यपाल गुलाब चंद कटेरिया के भाषण में खलल पड़ा. कटेरिया को अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा, हालांकि, 15 मिनट बाद उन्होंने फिर से बोलना जारी रखा. कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया और इस पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया. यह भी पढ़ें: Government of Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार का बजट ‘गाजर का हलवा’, झूठे सपने दिखाता है- उद्धव गुट
बाद में आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा, असम पुलिस कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा को एक टिप्पणी के लिए दिल्ली हवाई अड्डे से उतार सकती है, लेकिन वही पुलिस कडू के बयान पर पूरी तरह से निष्क्रिय है. महाराष्ट्र के विधायक ने असम के मूल निवासियों का अपमान किया, फिर भी सरकार और पुलिस एक कदम भी नहीं उठा सकी.
पुरकायस्थ ने राज्य सरकार के इस दावे पर भी निशाना साधा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है. शिवसागर विधायक अखिल गोगोई भी पुरकायस्थ के साथ शामिल हो गए और उन्होंने महाराष्ट्र विधायक के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की. विपक्ष के कई विधायक सत्ता पक्ष के खिलाफ नारेबाजी करते देखे गए.
गौरतलब है कि असम प्रदेश महिला कांग्रेस की नेता बनश्री गोगोई ने इससे पहले गुवाहाटी के दिसपुर पुलिस स्टेशन में बच्चू कडू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. अचलपुर के एक निर्दलीय विधायक और प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू ने कहा, महाराष्ट्र के सभी आवारा कुत्तों को असम में स्थानांतरित किया जाना चाहिए, क्योंकि असम में लोग कुत्ते के मांस का बहुत अधिक सेवन करते हैं, और यह एक व्यवहारिक समाधान है. कडू ने यह टिप्पणी महाराष्ट्र विधानसभा में आवारा कुत्तों से होने वाले खतरे के बारे में बहस के जवाब में की, जिसे विधायक प्रताप सरनाइक और अतुल भातखलकर ने उठाया था.