Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी के ज्ञानवापी में स्थित कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर जिला अदालत का फैसला आ गया है. अदालत ने कहा है कि कार्बन डेटिंग नहीं होगी. हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण की मांग की थी. वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस मांग पर आपत्ति जताई. वाराणसी जिला अदालत के जज अजय कृष्ण विश्वेस ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कार्बन डेटिंग की मांग को ठुकरा दिया.
दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद-श्रीनगर गौरी मामले में चार महिला याचिकाकर्ताओं ने शिवलिंग के प्रकृति और ये कितने साल पुराना है, यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक जांच और कार्बन डेटिंग की मांग की थी. हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि जब सर्वे किया गया था तो उन्हें मस्जिद के तालाब में एक शिवलिंग मिला था. यह भी पढ़े: Big Breaking: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी कोर्ट ने कार्बन डेटिंग और 'शिवलिंग' की वैज्ञानिक जांच की मांग को किया ख़ारिज
Gyanvapi Mosque issue: Varanasi Court rejects Hindu side's demand seeking carbon dating and scientific investigation of 'Shivling' in the mosque complex#UttarPradesh pic.twitter.com/UdFFgZz3Bj
— ANI (@ANI) October 14, 2022
कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में 29 सितंबर को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी कॉम्प्लेक्स मामले में मुस्लिम पक्ष ने 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग के लिए हिंदू वादी की याचिका के खिलाफ अदालत में आपत्ति दर्ज की थी.
बता दें, कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो किसी पुरातात्विक वस्तु या पुरातात्विक खोजों की आयु यानी वह कितने वर्ष पुराना है, आदि का पता लगाती है. 22 सितंबर को, हिंदू पक्ष ने शिवलिंग जैसी संरचना के कार्बन डेटिंग और अन्य वैज्ञानिक परीक्षणों की मांग की.