बदायूं (उत्तर प्रदेश): पशु वध के एक मामले में एक संदिग्ध को प्रताड़ित करने के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों (Policemen) के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं. उस व्यक्ति की मां ने आरोप लगाया था कि पुलिसकर्मियों - एक पुलिस चौकी प्रभारी, चार कांस्टेबल (Constable) और दो 'अज्ञात' व्यक्तियों ने उसके बेटे के मलाशय के अंदर एक छड़ी मार दी थी और उसे बिजली (Electricity) के झटके दिए थे. सीएम अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान, कहा- कश्मीरी पंडितों को घर छोड़ने को मजबूर किया जा रहा, भाजपा से कश्मीर नहीं संभल रहा
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने दातागंज के सर्कल अधिकारी प्रेम कुमार थापा को पुलिस द्वारा मेडिको-लीगल रिपोर्ट को ध्यान में रखने के बाद जांच करने का निर्देश दिया है और दावा किया है कि उन्होंने आरोपियों के खिलाफ आरोपों को सही पाया है.
अन्य के साथ आईपीसी की धारा 342 (गलत कारावास) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
पुलिस अधीक्षक (एसपी) (शहर) प्रवीण सिंह चौहान ने कहा, "प्रारंभिक जांच के दौरान पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप सही पाए गए. हमने उनके खिलाफ गलत तरीके से कारावास और यातना के लिए प्राथमिकी दर्ज की है. उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई की जा रही है और इस मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाएगी. हम पीड़ित के लिए सर्वोत्तम संभव इलाज सुनिश्चित करने के लिए परिवार का समर्थन भी कर रहे हैं."
पीड़ित, जो एक अंशकालिक सब्जी विक्रेता है, इस समय अस्पताल में है और उसे बार-बार दौरे पड़ रहे हैं. उसे पुलिस ने 2 मई को इस संदेह में उठाया था कि उसके एक गैंगस्टर के साथ संबंध हो सकते हैं, जिस पर कई मौकों पर गोहत्या के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.