वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को कहा कि देश के डेयरी (Dairy) क्षेत्र को मजबूत करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि बनास डेयरी संकुल (Banas Dairy Complex) की आधारशिला इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है. Varanasi: पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वाराणसी में आयोजित अखिल भारतीय मेयर सम्मेलन में हिस्सा लिया
गाय हमारे लिये माता है-पीएम
प्रधानमंत्री ने गुरुवार को कहा कि हमारे यहां गाय और गोबर-धन की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है. उन्होंने कहा कि गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय माता है, पूजनीय है.
2,095 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की रखी आधारशिला
प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 2,095 करोड़ रुपये की तमाम परियोजनाओं की आधारशिला और लोकार्पण के बाद जनसभा को संबोधित करते हुये अपनी बात रख रहे थे. उन्होंने कहा कि जब से भाजपा ने सत्ता संभाली है, देश में दूध उत्पादन लगभग 45 प्रतिशत बढ़ा है. आज भारत दुनिया का लगभग 22 प्रतिशत दूध उत्पादन करता है.
यूपी आज देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य
पीएम मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि उत्तर प्रदेश आज देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य तो है ही, डेयरी सेक्टर के विस्तार में भी बहुत आगे है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा अटूट विश्वास है कि देश का डेयरी सेक्टर, पशुपालन, श्वेत क्रांति में नई ऊर्जा, किसानों की स्थिति को बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है.
हमारा पशुधन प्राकृतिक खेती का बहुत बड़ा आधार
उन्होंने कहा कि इस विश्वास के कई कारण भी हैं. पहला यह कि पशुपालन, देश के छोटे किसानों जिनकी संख्या 10 करोड़ से भी अधिक है, उनकी अतिरिक्त आय का बहुत बड़ा साधन बन सकता है. दूसरा यह कि भारत के डेयरी प्रॉडक्ट्स के सामने विदेशों का बहुत बड़ा बाजार है, जिसमें आगे बढ़ने की बहुत सारी संभावनाएं हैं. तीसरा यह कि पशुपालन, महिलाओं के आर्थिक उत्थान, उनकी उद्यमशीलता को आगे बढ़ाने का बहुत बड़ा जरिया है. और चौथा यह कि जो हमारा पशुधन है, वह बायोगैस, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती का भी बहुत बड़ा आधार है.
बनास डेयरी संकुल की आधारशिला
इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने वाराणसी स्थित कारखियां में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण फूड पार्क में बनास डेयरी संकुल की आधारशिला रखी. 30 एकड़ भूमि में फैले इस डेयरी का निर्माण लगभग 475 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा और इसमें प्रतिदिन 5 लाख लीटर दूध के प्रसंस्करण की सुविधा होगी. सरकार का दावा है कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और क्षेत्र के किसानों को उनके लिए नए अवसर सृजित करने में मदद मिलेगी.
प्राकृतिक खेती करने का आह्वान
प्रधानमंत्री ने देश के किसानों से प्राकृतिक खेती करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि धरती मां के कायाकल्प के लिए, हमारी मिट्टी की सुरक्षा के लिए, आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए, हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा.