UP Panchayat Election: पंचायत चुनाव ने दिया भाजपा को बूस्टर डोज, 2022 के लिए बढ़ा मनोबल
बीजेपी (Photo Credits: PTI)

लखनऊ, 4 जुलाई : कोरोना की दूसरी लहर की नकारात्मकता और किसान आंदोलन पंचायत चुनाव में भाजपा की राह नहीं रोक सका. यूपी में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) ने भाजपा को बूस्टर डोज देकर मनोबल बढ़ाया है. जिला पंचायत अध्यक्ष की 75 में 67 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत मिशन-2022 के लिए सत्ताधारी दल की राह आसान बनाएगा. इस चुनाव ने सपा को बड़ा झटका दिया है. उसे महज पांच सीटें मिली है. कांग्रेस रायबरेली में एकमात्र प्रत्याशी को भी नहीं जिता सकी. उधर, जाट लैंड बागपत में एक जीत ने राष्ट्रीय लोकदल के चौधरी का मान जरूर रख लिया.

जिला पंचायत अध्यक्ष की 22 सीटों पर पहले ही निर्विरोध निर्वाचन हो गया था, जिसमें से 21 भाजपा तो एक सपा के खाते में गई. शेष 53 सीटों के लिए शनिवार को मतदान और मतगणना हुई. जिसमें भाजपा को जरूरत से ज्यादा बढ़त मिली है. सत्ताधारी दल भी कई सीटों पर सपा के साथ कांटे की टक्कर मान रहा था. खासकर किसान आंदोलन को लोग भाजपा के लिए बड़ा रोड़ा बता रहे थे. लेकिन वह खास कुछ नहीं कर सका. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 14 में से 13 सीटों पर भाजपा को विजय मिली. कृषि कानून विरोधी आंदोलन के झंडाबरदार राकेश टिकैत के मुजफ्फरनगर सहित आसपास की बाकी सीटों पर भाजपा की जीत के मायने हैं कि कृषि कानून विरोधी आंदोलन पूरी तरह बेअसर है. अवध क्षेत्र भगवा खेमे का अभेद्य किला साबित हुआ, जहां सभी 13 सीटें जीत लीं. कानपुर-बुंदेलखंड की 14 में से मात्र एक इटावा सीट सपा के खाते में गई, जबकि 13 पर भाजपा ने कब्जा जमाया है. यह भी पढ़ें : Amitabh Bachchan के घर के एक हिस्से पर चलेगा BMC का बुलडोजर, ये बड़ी वजह आई सामने

पूर्वांचल की आजमगढ़, संतकबीरनगर और बलिया सहित बृज क्षेत्र की एटा सपा के खाते में चली गयी. जबकि मुलायम सिंह यादव के लोकसभा क्षेत्र मैनपुरी सहित सपाई गढ़ माने जाने वाले कन्नौज, फीरोजाबाद व बदायूं में भाजपा ने जीत दर्ज की है. राष्ट्रीय लोकदल भी अपने गढ़ बागपत की एक सीट जीत सकी. भाजपा ने अपने सहयोगी अपना दल के लिए जौनपुर और सोनभद्र सीट छोड़ी थी, जिसमें से सोनभद्र अपना दल ने जीत ली, जबकि जौनपुर निर्दल प्रत्याशी ने छीन ली. प्रतापगढ़ में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी उतारने की बजाए जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी को समर्थन दिया. यह सीट जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने जीत ली. वहीं, बसपा तो पहले ही इस लड़ाई से अलग हो गई थी. कांग्रेस को इस चुनाव में पराजय मिली है.