कोरोना वायरस का खौफ: सहारनपुर के नकुर थाना क्षेत्र में COVID-19 के डर से एक सरकारी कर्मचारी ने की खुदकुशी
कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लागू है. लोगों को सुरक्षित रहने और बेवजह न बाहर निकलने का निर्देश दिया गया है. कोरोना वायरस के कारण अब तक देशभर में 1965 लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं 50 लोगों की मौत हो गई है. ऐसा नहीं है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोग ठीक नहीं हो रहे हैं, अबतक देश में 151 लोग ऐसे हैं जो इस संक्रमण से ठीक हुए या फिर उन्हें डिस्चार्ज किया जा चूका है. लेकिन कुछ डर के कारण गलत कदम उठा रहे हैं. एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर (Saharanpur) से सामने आया है. जहां पर एक सरकारी कर्मचारी (Govt Employee) ने कोरोना वायरस के डर से आत्महत्या कर ली.
कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लागू है. लोगों को सुरक्षित रहने और बेवजह न बाहर निकलने का निर्देश दिया गया है. कोरोना वायरस के कारण अब तक देशभर में 1965 लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं 50 लोगों की मौत हो गई है. ऐसा नहीं है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोग ठीक नहीं हो रहे हैं, अबतक देश में 151 लोग ऐसे हैं जो इस संक्रमण से ठीक हुए या फिर उन्हें डिस्चार्ज किया जा चूका है. लेकिन कुछ डर के कारण गलत कदम उठा रहे हैं. एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर (Saharanpur) से सामने आया है. जहां पर एक सरकारी कर्मचारी (Govt Employee) ने कोरोना वायरस के डर से आत्महत्या कर ली.
मृतक सरकारी कर्मचारी ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट में लिखा था कि कोरोना वायरस के कारण वो काफी डरा हुआ है. वहीं सीनियर सुपरिटेंडट ऑफ पुलिस दिनेश कुमार ने बताया कि शख्स के परिवारवालों को कहना है कि वो पिछले काफी समय से डिप्रेशन का शिकार था. जिसके बाद सरकारी कर्मचारी ने नकुर थाना क्षेत्र में पंखे से लटक के आत्महत्या कर ली.
बता दें कि इससे पहले लखीमपुर में रह रहे अपने परिवार से मिलने के लिए 23 साल का एक प्रवासी मजदूर पहले तो क्वारैंटाइन केन्द्र से भाग गया था. जिसके बाद अपने परिवार से मिलने के लिए गांव गया था. जब उसे पता चला कि पुलिस उसे तलाश रही है, तो वह अपने घर से भाग गया और बाद में उसका शव गांव के बाहरी इलाके में लटका हुआ मिला.
नोट:- कोरोना वायरस एक घातक बिमारी जरुर है लेकिन ऐसा नहीं है कि उसे हराया न जा सके, इस बिमारी से भी कई लोग ठीक हो रहे हैं. हम अपने पाठकों से निवेदन करते हैं कि आप अपने आसपास के लोगों को इस विषय में जागरूक करें, याद रहे आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं होता है. वो सिर्फ परिवार के लिए जीवनभर का दर्द देता है.