उत्तर प्रदेश: पूर्वांचल में गंगा का जलस्तर बढ़ने से लोगों की मुशिकलें बढ़ी, रिहायशी इलाके हुए जलमग्न
बाढ़ में बचाव कार्य जारी ( फोटो क्रेडिट- Twitter )

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और में गंगा और यमुना ने रौद्र रूप धारण कर रखा है. आलम ऐसा है कि बड़ी नदियों से सटे निचले इलाकों में पानी भर जाने से बाढ़ की स्थिति गम्‍भीर बनी हुई है. बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. बचाव के लिए राहत कार्य जारी है. बाढ़ का असर खासकर प्रयाग, वाराणसी, गोंडा, अयोध्या, बलिया और मिर्जापुर में देखने को मिल रहा है. यहां पर जलस्तर बढ़ने के कारण लोग पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं. वहीं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को प्रयागराज भ्रमण के दौरान हेलीकॉप्टर से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को पीड़ितों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

वाराणसी में गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, जिस वजह से कई कालोनियां बाढ़ की चपेट में आ गई हैं. आस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट जाने वाली सड़क पर पानी भर गया है. लोग वहीं स्नान कर रहे हैं। चिताएं भी गलियों में जल रही हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की कई बीघे फसल पानी में डूब गई हैं. उधर मणिकर्णिका घाट की दूसरी मंजिल पर शवदाह हो रहा है, तो हरिश्चंद्र घाट जाने वाली गलियों में चिताएं जल रही हैं. जगह की कमी की चलते शवों को जलाने के लिए लोगों को काफी देर तक प्रतीक्षा करनी पड़ रही है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन भी मुस्तैद है और बचाव तथा राहत कार्य जारी है.

यह भी पढ़ें:- उत्तर प्रदेश: मायावती को झटका, पूर्व सांसद लालमणि प्रसाद ने बीएसपी को कहा अलविदा

गौरतलब सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखपुर से अचानक बाढ़ग्रस्त जिला बलिया पहुंचे और उन्होंने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हेलिकॉप्टर से सर्वेक्षण कियाथा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दयाछपरा पहुंचे और उन्होंने बाढ़ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण किया. उन्होंने कटान पीड़ितों के बीच राहत सामाग्री भी वितरित की. उन्होंने दुबेछपरा रिंग बंधा के कटने के कारणों की भी जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत में कोई लापरवाही न हो इसकी सख्त हिदायत अधिकारियों को दी.