UP Assembly Election 2022: युवाओं के साथ सरकार ने किया क्रूरता भरा व्यवहार, हमारी सत्ता में ऐसा नहीं होगा, मिलेगा न्याय- जयंत चौधरी
सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली, 29 जनवरी : उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में फतह हासिल करने के लिए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी जनता को अपने साथ बुलाकर भाजपा को हराने की कवायद में जुटे हुए हैं, वहीं दोनों सरकार की नीतियों के खिलाफ भी जमकर बरस रहे हैं. आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने आईएएनएस से खास बातचीत कर साफ कर दिया कि, उत्तरप्रदेश में सत्ता आने के बाद हमारे गठबंधन के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश होंगे और हम उनके साथ कदम बढ़ा कर जनता की सेवा करेंगे. वहीं जब जयंत चौधरी से यह पूछा गया कि, चुनाव मैदान में उतरे हैं, जनता की नब्ज क्या कह रही है ? इस सवाल पर वह बोले कि, जनता की नब्ज हमने टटोली है, हमारा प्रदर्शन बेहद मजबूत होने वाला है. लोग अखिलेश जी और हमारे गठबंधन के साथ हैं और पूर्ण बहुमत के साथ हमारे गठबंधन को जिताएंगे और हम अपनी सरकार भी बनाएंगे.

मौजूदा वक्त में युवाओं के गुस्से को और उनकी ऊर्जा को सही जगह पर इस्तेमाल करने के लिए आपकी सरकार क्या कदम उठाएगी ? इस सवाल के जवाब में जयंत के कहा, हमारी सरकार व अन्य सरकारों के सामने यह बहुत बड़ा सवाल होने के साथ साथ एक बड़ी चुनैती भी है. जब कोई अपनी मांगों को लेकर सरकार के पास जाता है और जब सामाजिक आंदोलन होते हैं.पुलिस की लाठी जनता को सुरक्षित रखने के लिए है, नाकि युवाओं पर लाठियां चलाने के लिए है, युवा अपनी भर्ती को लेकर सवाल करें तो उनपर लाठियां चलाई जाती हैं. हम अपनी सत्ता आने के बाद इसको सुनिश्चित करेंगे और युवाओं के साथ ऐसा नहीं होने देंगे. युवाओं को लेकर प्रदेश में बहुत बड़ी परेशानी है और सरकार ने अपने गलत फैसलों से यह समस्या उतपन्न की है, हम युवाओं से कहना चाहते हैं कि युवा हमसे उम्मीद और विश्वास करें, सत्ता में आने के बाद हम उनके साथ न्याय करेंगे.

भाजपा राम मंदिर निर्माण और मथुरा के मुद्दे पर जनता के बीच उतार रही है, इन मुद्दों को आप कैसे कांउन्टर कर करेंगे. ? इस सवाल के जवाब में जयंत बोले कि, इस बार प्रदेश की जनता इन मुद्दों को खुद कांउन्टर करेगी, क्योंकि अब जनता को इन मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है. पिछले चुनाव में पूरा युवा वर्ग, जाट व अन्य समाज उनकी ओर चले गए थे तभी उनको बहुमत मिला, लेकिन आज अपने फैसलों पर सोचने को मजबूर हैं. सभी प्रदेशवासियों के सामने रोजी रोटी का सवाल खड़ा हो गया है. पश्चिमी उत्तरप्रदेश को सब मिलकर संभालेंगे, क्योंकि यह चौधरी साहब की विरासत है. इस चुनाव में फैसला मतदाताओं को करना है, एक तरफ वो सरकार है जो किसानों को दबाना चाहती है, जहां कोई सुनवाई नहीं होती, जहां कोई वादा पूरा नहीं होता और दूसरी तरफ हमारा गठबंधन है, जिनका मुकाबला झूठ और नफरत फैलाने वाले लोगों से है. यह भी पढ़ें : West Bengal: शुभेंदु अधिकारी के नेताई दौरे का विवरण लेने के लिये बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्य सचिव को तलब किया

दरअसल बीजेपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर कैराना के पलायन को बड़ा सियासी मुद्दा बनाने जा रही है. ऐसे में जब जयंत चौधरी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, कैराना पलायन एक फर्जी बाते हैं, भाजपा ने इसको मुद्दा बनाने की कोशोश की है, लेकिन वह कैराना में ही मुद्दा नहीं बन पाया. जिन्होंने पिछले चुनाव में सवाल किया वह खुद हार गए थे. दरअसल 2017 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने सीट जीती थी, कैराना विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के शामली जिले में आती है. 2017 में कैराना में कुल 47.26 प्रतिशत वोट पड़े. 2017 में समाजवादी पार्टी से नाहिद हसन ने भारतीय जनता पार्टी के मृगांका सिंह को 21162 वोटों के मार्जिन से हराया था. वहीं विधानसभा सीट पिछले यानी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले एक समुदाय के पलायन को लेकर चर्चा में आई थी.

इससे पहले भाजपा ने राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को साथ आने का न्योता देकर सियासी पारा चढ़ा दिया था, लेकिन जयंत चौधरी ने एक ट्वीट कर सारी आशंकाओं को तोड़ दिया. जब इस मसले पर उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, हम इतने हल्के लोग नहीं कि अपने फैसले रोज बदला करें, हमने जो फैसला लिया है हम उसपर खुश हैं. उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होंगे. यूपी में इन चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा. 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे. साथ ही पहले चरण की शुरूआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से होगी और धीरे-धीरे कारवां बढ़ते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश पर जाकर समाप्त होगा.