VIDEO: मथुरा में अनोखा दशहरा उत्सव! सारस्वत ब्राह्मणों ने की रावण की पूजा, जानें इसकी खास वजह

दशहरा पर मथुरा में सारस्वत ब्राह्मणों ने अपनी परंपरा के अनुसार रावण की पूजा की. सारस्वत ब्राह्मण, भारत के हिन्दू ब्राह्मणों का एक समूह है. ये सरस्वती नदी के किनारे रहने वालों के वंशज माने जाते हैं.

(Photo : X)

मथुरा, उत्तर प्रदेश में इस साल दशहरा का पर्व कुछ खास तरीके से मनाया गया. सारस्वत ब्राह्मण समुदाय ने अपनी परंपरा के अनुसार रावण की पूजा की, जो इस त्योहार को एक अनोखा रूप देता है. आमतौर पर जहां रावण का दहन किया जाता है, वहीं यहां रावण की पूजा और प्रार्थना की गई, जो इस समुदाय की अनोखी मान्यता और श्रद्धा को दर्शाता है.

सारस्वत ब्राह्मण कौन हैं?

सारस्वत ब्राह्मण, भारत के हिन्दू ब्राह्मणों का एक समूह है. ये सरस्वती नदी के किनारे रहने वालों के वंशज माने जाते हैं. सारस्वत ब्राह्मणों को भारत में ब्राह्मण समुदाय के पंच गौड़ ब्राह्मण वर्गीकरण में रखा गया है. पश्चिमी और दक्षिण भारत में, चितपावन के साथ-साथ करहाड़े और कोंकणी भाषी सारस्वत ब्राह्मणों को कोंकणी ब्राह्मण कहा जाता है. मथुरा के सारस्वत ब्राह्मणों का दावा है कि रावण अपने वंश के अनुसार सारस्वत ब्राह्मण था.

रावण की क्यों की जाती है पूजा? 

सारस्वत ब्राह्मणों के अनुसार, रावण को एक विद्वान और योग्य शासक माना जाता है. उनकी पूजा करने का मुख्य उद्देश्य उनके ज्ञान और शक्ति को सम्मान देना है. इस विशेष पूजा में रावण की मूर्ति को फूल-माला पहनाई गई, और उन्हें मिठाइयाँ अर्पित की गईं. इस दौरान, लोग रावण की महानता और उनकी कष्ट सहन करने की शक्ति के बारे में चर्चा करते हैं.

कैसे मनाया गया ये उत्सव? 

दशहरा के इस अनोखे उत्सव में सारस्वत ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने एकत्र होकर भजन-कीर्तन किए. पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर लोग नृत्य करने लगे. इस आयोजन में शामिल लोगों ने रावण की पूजा करने के बाद एक-दूसरे के साथ मिठाइयाँ बाँटी और खुशियाँ मनाईं.

 

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