बेंगलुरु: केंद्रीय मंत्री और राजग नेता रामविलास पासवान (Union Minister Ram Vilas Paswan) ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के विषय पर अध्यादेश लाने का कोई प्रश्न ही नहीं है और सरकार इस पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करेगी. उन्होंने यहां संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा कि सरकार राममंदिर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रतीक्षा करेगी और उसके अनुरुप कदम उठाएगी.’’उन्होंने कहा, ‘‘यह मामला यहीं बंद हो जाता है और ऐसे में संसद में कोई अध्यादेश या कानून लाने का सवाल ही नहीं उठता है.’’
पासवान से न्यायाधीश की अनुपलब्धता की वजह से रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मालिकाना विवाद मामले में हो रही देरी पर टिप्पणी मांगी गयी थी. उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक रुप से संवेदनशील रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मालिकाना विवाद मामले की 29 जनवरी की सुनवाई स्थगित कर दी क्योंकि पांच सदस्यीय संविधान पीठ के एक सदस्य उपलब्ध नहीं होंगे. पासवान ने कहा कि वैसे तो आरएसएस और भाजपा नेता राममंदिर मुद्दा उठा रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री ने एक बार भी यह मुद्दा नहीं उठाया है जो अच्छा है. यह भी पढ़े: राम मंदिर विवाद: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा- 70 साल से टल रहा है मामला, जल्द हो समाधान
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने के विषय पर लोजपा नेता ने कहा, ‘‘प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न के लिए चुने जाने पर विवाद का कोई प्रश्न नहीं होना चाहिए। पुरस्कार सरकार घोषित करती है, न कि आरएसएस या भाजपा.’’उन्होंने दलील दी, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि उन्हें यह पुरस्कार दिया गया क्योंकि वह आरएसएस के कार्यक्रम में गये थे। क्या यह कोई मुद्दा है? अतीत में कई शीर्ष नेता भी आरएसएस के कार्यक्रम के गये थे.’’