नई दिल्ली: देशभर के कई राज्यों में एक बार फिर कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों की स्थिति बिगड़ भी रही है, जिससे सरकार की टेंशन बढ़ गई है. पंजाब में तो 80 फीसदी संक्रमण के मामले यूके के कोविड-19 (COVID-19) वेरिएंट के कारण हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि जीनोम अनुक्रमण (Genome Sequencing) द्वारा इसकी पुष्टि हुई है. राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि बड़ी शादियों, स्थानीय निकाय चुनावों, किसान आंदोलन जैसे कारणों से हो सकती है. कोविड-19: केंद्र महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब में भेज रहा 50 उच्चस्तरीय जन-स्वास्थ्य टीम
अधिकारिक आंकड़ों पर गौर करें तो पंजाब में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के एक्टिव मरीजों की संख्या 494 बढ़ी है, नए मामले आने के बाद कुल सक्रीय मामलों की संख्या बढ़कर 25,913 हो गई है. जबकि 61 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 7,216 हो गई है. जबकि राज्यभर में कोरोना के 25,913 सक्रीय मामले है. जानलेवा वायरस को मात देकर 2,23,928 मरीज डिस्चार्ज हुए है.
In Punjab, 80% of cases are due to the UK variant of COVID19. This has been confirmed by genome sequencing. The increase in cases is event-driven like large weddings, local body elections, farmer protest, etc could have a role in it: Union Health Minister Dr Harsh Vardhan (06.04) pic.twitter.com/AiM2xF2Elj
— ANI (@ANI) April 7, 2021
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ अब भी सबसे ज्यादा चिंता का कारण है क्योंकि वहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में कोविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं. पंजाब और छत्तीसगढ़ की स्थिति मरने वाले मरीजों की अधिक संख्या के चलते चिंताजनक है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा ‘‘यदि हम पंजाब को देखे तो देश में कुल नये मामलों में से तीन प्रतिशत मामले यहां से आ रहे हैं और देश में होने वाली मौतों में से 4.5 प्रतिशत मौतें यहां हो रही हैं.’’
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित 10 जिलों में से सात महाराष्ट्र में और एक-एक कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और दिल्ली में हैं. देश में कुल सक्रिय कोविड मामलों में से 58 प्रतिशत महाराष्ट्र में दर्ज किए गए हैं. मंत्रालय के अनुसार, देश में कुल मौतों में से 34 प्रतिशत मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं.