Russia-Ukraine War: कश्मीर में रहने वाली यूक्रेनी बहू ने PM मोदी से लगाई गुहार, कहा- खतरे में है मायका, मदद करो सरकार
जब पति बिलाल अहमद यूक्रेन में रहते थे, तब उन्होंने अलीज़ा से शादी कर ली थी. शादी के बाद, दोनों मियां-बीवी कश्मीर आ गए और यहीं रहने लगे. कश्मीर आने के बाद अलीज़ा ने इस्लाम कुबूल करके अपना नाम आसिया रख लिया. आसिया के दो बच्चे भी हैं.
Russia-Ukraine War, 5 मार्च: रूस और यूक्रेन के बीच 10वें दिन भी जंग जारी है. जगह-जगह तबाही का मंजर है. इन सब के बीच कश्मीरी युवक से शादी कर पुलवामा (Pulwama) में बस चुकी यूक्रेन की आसिया ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार से अपील की है कि वह अपने देश में चल रहे रूसी सैन्य अभियानों के बीच यूक्रेन की हर संभव मदद करे. Russia Ukraine War: रूस ने पूर्वी यूक्रेन पर किया ड्रोन अटैक, आइदर बटालियन पोस्ट तबाह, देखें VIDEO
दक्षिणी कश्मीर में पुलवामा जिले के त्राल के एक छोटे से गांव में आसिया पिछले 5 साल से अपने परिवार के साथ रह रही हैं. आसिया, जो पहले यूक्रेन की रहने वाली अलीज़ा (Oliza) थीं, अब कश्मीर (Kashmir) की बहू हैं. आसिया ने कहा कि "मुझे बहुत दुख हो रहा है. मेरा दिल रोता है क्योंकि मेरा परिवार अभी यूक्रेन में ही है. मैं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार से कहना चाहता हूं कि किसी भी तरह से यूक्रेनियन की मदद करने की कोशिश करें. वे शांतिपूर्ण लोग हैं."
उन्होंने कहा, "आज हमारा देश लोकतंत्र और शांति के लिए लड़ रहा है. उनके दिल में आजादी है और वे रूस को हमारे घरों में नहीं आने देंगे." जब पति बिलाल अहमद यूक्रेन में रहते थे, तब उन्होंने अलीज़ा से शादी कर ली थी. शादी के बाद, दोनों मियां-बीवी कश्मीर आ गए और यहीं रहने लगे. कश्मीर आने के बाद अलीज़ा ने इस्लाम कुबूल करके अपना नाम आसिया रख लिया. आसिया के दो बच्चे भी हैं.
आपको बता दें कि रूस ने यूक्रेन के अलग-अलग क्षेत्रों - डोनेट्स्क और लुहान्स्क - को स्वतंत्र संस्थाओं के रूप में मान्यता दे दी, जिसके तीन दिन बाद, रूसी सेना ने 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू कर दिया. अब यूक्रेन लगातार रूसी हमले हो रहै हैं. अब तक हजारों लोगों के मारे जाने का दावा किया गया है.
इस बीच, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने शनिवार को जानकारी दी कि यूक्रेन से अब तक 11,000 से अधिक भारतीयों को निकाला गया है. सरकार ने यूक्रेन की सीमा से लगे चार पड़ोसी देशों में भारतीय नागरिकों की निकासी प्रक्रिया के समन्वय और निगरानी के लिए 'विशेष दूत' भी तैनात किए हैं.