ग्रेटर नोएडा, 13 मार्च: ग्रेटर नोएडा में बर्थडे के दिन ही दो साल की बच्ची की मौत हो गई। बच्ची घर में खेलते समय पानी से भरे टब में गिर गई थी। बच्ची की मां ने जब देखा तो वह टब में बेहोशी की हालत में पड़ी थी. मां ने तुरंत बेटी को बाहर निकाला. परिजन उसे आनन-फानन में अस्पताल ले गए. जहां शनिवार-रविवार पूरी रात उसका इलाज चला. रविवार सुबह डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना बादलपुर के दुजाना गांव की है.बच्ची की मौत की खबर सुनते ही माता-पिता दोनों बेसुध हो गए। परिजन बच्ची के शव को लेकर घर वापस आ गए. घर की सारी खुशियां मातम में बदल गईं. बच्ची की मौत 12 मार्च को हुई है, इसी दिन उसका बर्थडे भी था. परिवार ने उसी दिन बच्ची का अंतिम संस्कार भी कर दिया. मरने वाली बच्ची का नाम साक्षी है.
बच्ची के पिता चंद्रपाल ने बताया कि रविवार को बेटी साक्षी का बर्थडे था. शनिवार से ही उसका बर्थडे मनाने की तैयारियां चल रही थीं. बच्ची का पहला बर्थडे नहीं मना पाए थे इसलिए दूसरा बर्थडे धूमधाम के साथ मनाने की तैयारी थी। घर में सब बहुत खुश थे. अगले दिन रिश्तेदारों और मित्रों को आना था. इसी को लेकर पत्नी घर में साफ-सफाई कर रही थी। वहीं मैं अपनी बेटी के लिए उसका फेवरेट केक लेने गया था. उन्होंने बताया कि मेरे जाने के बाद पत्नी दोनों बेटों (एक की उम्र 4 और दूसरे की उम्र 6 साल) के पास आंगन में लगे झूले पर साक्षी को बैठाकर अंदर घर की सफाई करने चली गई। पत्नी ने वहीं पर कपड़े धुलने के लिए टब में पानी भरकर रखा था। साथ ही उसने दोनों भाइयों से बहन का ख्याल रखने के लिए कहा था. उसी दौरान पता नहीं कब साक्षी खेलते खेलते टब के पास पहुंच गई और उसमें मुंह के बल गिर गई। जिससे उसके रोने की भी आवाज नहीं आई. इस बीच, वहां खेल रहे दोनों भाई आपस में इतना मशगूल रहे कि उन्हें बहन का ध्यान नहीं रहा. यह भी पढ़े: Nalanda Harsh Firing: बिहार के नालंदा में बर्थडे पार्टी के दौरान हर्ष फायरिंग, गोली लगने से एक साल के बच्चे की मौत
कुछ देर के बाद जब घर की सफाई करने के बाद पत्नी वहां आई तो उसे साक्षी कहीं दिखाई नहीं दी। वह उसे आस-पास खोजने लगी. इसी दौरान उसकी नजर टब पर पड़ी. बेटी को टब में देखकर पत्नी चिल्लाने लगी. सभी लोग आनन-फानन में उसे लेकर अस्पताल भागे. मैं केक लेकर घर वापस आ रहा था तभी पत्नी का फोन आ गया और उसने बताया साक्षी डूब गई है. वो कुछ बोल नहीं पा रही है. घर पहुंचने पर पता चला कि बच्ची को लेकर सभी अस्पताल चले गए हैं तो मैं भी अस्पताल की तरफ भागा। सुबह-सुबह डॉक्टरों ने साक्षी को न बचा पाने की बात की.