विश्व को शांति का संदेश देने वाले बिहार के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर में दो भिक्षुओं के बीच जमकर मारपीट हुई. इसे देख देश-विदेश से आए बौद्ध धर्मावलंबी हतप्रभ नजर आए. इस मामले की प्राथमिकी बोधगया थाने में दर्ज करा दी गई है और पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. पुलिस के मुताबिक बौद्घ परंपरा के अनुसार, तीन माह के वर्षावास काल समाप्ति के बाद रविवार को शरद पूर्णिमा के अवसर पर 'चीवरदान' का कार्यक्रम चल रहा था.
इसी दौरान किसी बात को लेकर दो बौद्ध भिक्षु आपस में उलझ गए और दोनों के बीच जमकर मारपीट हुई. घटना के समय महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी भिक्षु चालिंदा भी मौजूद थे.
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बोधगया के थाना प्रभारी मोहन प्रसाद ने सोमवार को आईएएनएस को बताया, "रविवार की रात महाबोधि मंदिर के पुजारी भिक्षु चालिंदा के बयान पर बोधगया थाने में मारपीट की घटना की एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. घटना के बाद से दोनों भिक्षु फरार हैं."
सूत्रों का कहना है कि दोनों भिक्षु बिहार के ही रहने वाले हैं. मारपीट की घटना के कारणों का अब तक पता पहीं चल पाया है. थाना प्रभारी ने बताया कि मंदिर परिसर के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि घटना में शामिल एक भिक्षु की पहचान कर ली गई है.
उल्लेखनीय है कि वर्षावास काल के बाद बड़ी संख्या में देश-विदेश के बौद्घ धर्मावलंबी यहां पहुंचते हैं. मान्यता है कि महात्मा बौद्ध को इसी महाबोधि मंदिर परिसर स्थित महाबोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. प्रतिवर्ष लाखों बौद्घ धर्मावलंबी यहां पहुंचते हैं.