Air Pollution से बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा, दिल्ली की जहरीली हवा 8 साल तक घटा रही आपकी उम्र
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दिवाली के बाद दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है. राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 पार हो गया है, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, कई इलाकों में स्थिति “गंभीर” स्तर तक पहुंच चुकी है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रदूषण अब सिर्फ पर्यावरण नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन चुका है.

विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली पर फोड़े गए पटाखे, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना, और सर्दी की शुरुआत में ठंडी हवा का जमाव इन तीन कारणों ने मिलकर दिल्ली की हवा को और खराब बना दिया है. ठंडी हवा प्रदूषक कणों को जमीन के पास रोक देती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है.

दिवाली के अगले दिन दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना दिल्ली, सांस लेना हुआ मुश्किल.

दिल की बीमारियों में 25% तक बढ़ोतरी: डॉक्टरों की चेतावनी

डॉ. जी.सी. खिलनानी, चेयरमैन PSRI इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी एंड स्लीप मेडिसिन, के अनुसार प्रदूषण से हार्ट अटैक, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मामलों में 22–25% तक वृद्धि दर्ज की गई है. उन्होंने कहा, “यह सिर्फ सांस लेने की समस्या नहीं है, बल्कि हृदय रोगियों के लिए भी गंभीर खतरा है.”

“बच्चे और बुजुर्ग सबसे अधिक जोखिम में”

एक्सपर्ट्स ने बताया कि ठंड बढ़ने के साथ हवा में नमी और ठहराव बढ़ जाता है, जिससे प्रदूषक ऊपर नहीं उठ पाते. “इस समय बच्चों, बुजुर्गों और एलर्जी वाले लोगों को घर के अंदर रहना चाहिए और बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूरी है.”

डॉक्टर्स का कहाना है कि, “यह प्रदूषण सिर्फ अस्थमा रोगियों के लिए नहीं, बल्कि स्वस्थ लोगों में भी फेफड़ों के स्थायी बदलाव पैदा कर सकता है. गर्भवती महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं.”

8.2 साल घट रही दिल्लीवालों की उम्र

एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स (AQLI) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के लोग प्रदूषण के कारण औसतन 8.2 साल कम जी रहे हैं. अगर हवा में मौजूद PM 2.5 स्तर को WHO के मानक (5 µg/m³) तक लाया जाए, तो यह नुकसान काफी हद तक घट सकता है. दिल्ली का सालाना PM 2.5 स्तर 2023 में 88.4 µg/m³ था — जो भारत के औसत (41 µg/m³) से दोगुना है.

कैसे निपटें इस खतरे से

  • बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनें
  • घर में एयर प्यूरीफायर या पौधे लगाएं
  • सुबह-सुबह व्यायाम से बचें
  • और सरकार की ओर से जारी प्रदूषण अलर्ट पर ध्यान दें.

विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी प्रदूषित हवा में लंबे समय तक रहना सांस की पुरानी बीमारियों, हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को कई गुना बढ़ा सकता है. ऐसे में जरूरी है कि लोग खुद सावधानी बरतें.