नई दिल्ली, 29 अक्टूबर : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा के बीच वाकयुद्ध रविवार को और तेज हो गया, जब भगवा पार्टी के नेता ने कथित तौर पर संसद में प्रश्नों के लिए नकद मामले में संसद की आचार समिति से बचकर मीडिया को साक्षात्कार देने के लिए उन पर निशाना साधा. दुबे ने एक्स को संबोधित करते हुए कहा, "मीडिया के सभी सम्मानित मित्रों से अनुरोध है कि लोकसभा की एथिक्स कमेटी पैसे लेकर भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखने की जांच कर रही है." उन्होंने कहा कि समिति के सामने जो आया है, वह ''गोपनीय'' है. भाजपा के लोकसभा सांसद ने कहा,"आरोपी के पास कमेटी के पास जाने का समय नहीं लेकिन मीडिया को इंटरव्यू देने के लिए पर्याप्त समय है. मैंने आज तक इस विषय पर किसी भी मीडिया को इंटरव्यू नहीं दिया है, यह संसद की गरिमा है."
आरोपी सांसद के मित्र दर्शन हीरानंदानी जी हैं, जो उनके विदेश जाने, रहने, कीमती सामान देने और यात्रा खर्च (नकद) देने के लिए जिम्मेदार हैं. हलफनामे में इसका उल्लेख है. हमें समिति की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए. यह पक्ष और विपक्ष का सवाल नहीं है, पुरुष या महिला का नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा, भ्रष्टाचार, संसद की गरिमा और हम सांसदों के आचरण और व्यवहार का सवाल है. कृपया संसद को निर्णय लेने दें.'' उनकी यह टिप्पणी मोइत्रा द्वारा कई मीडिया आउटलेट्स को दिए गए साक्षात्कार के बाद आई है. उन्हें सबसे पहले एथिक्स कमेटी ने 31 अक्टूबर को अपने सामने पेश होने के लिए कहा था. घटनाक्रम के बाद, मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर को एक पत्र भेजकर कहा कि वह अपने पूर्व निर्धारित निर्वाचन क्षेत्र कार्यक्रम समाप्त होने के बाद 5 नवंबर के बाद किसी भी समय पेश होंगी. यह भी पढ़ें : Lok Sabha Elections 2024: 2024 में ओबीसी वोटरों को साध कर जीत की हैट्रिक बनाने की कोशिश में BJP
सोनकर को लिखे अपने दो पेज के पत्र में, पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा कि 20 अक्टूबर को दुबई में भारतीय उच्चायोग में नोटरीकृत एक हलफनामा समिति को स्वत: संज्ञान के आधार पर प्रस्तुत किया गया था और हीरानंदानी द्वारा सार्वजनिक रूप से मीडिया में जारी किया गया था. . उन्होंने कहा कि हीरानंदानी ने 23 अक्टूबर को एक समाचार चैनल को दिए सार्वजनिक साक्षात्कार में समिति के सामने पेश होने की इच्छा व्यक्त की थी. उनके पत्र के बाद, एथिक्स कमेटी ने उन्हें फिर से 2 नवंबर को पेश होने के लिए कहा. एथिक्स कमेटी ने मोइत्रा को चेतावनी दी है कि 2 नवंबर से आगे की तारीखों में कोई विस्तार नहीं किया जाएगा. आचार समिति भाजपा सांसद दुबे के आरोपों की जांच कर रही है कि मोइत्रा ने व्यवसायी हीरानंदानी के कहने पर व्यवसायी गौतम अदाणी पर लोकसभा में सवाल पूछने के लिए नकद और लाभ लिया. गुरुवार को दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई ने मोइत्रा के खिलाफ पैनल को "मौखिक साक्ष्य" दिए.