TikTok Pro फर्जी ऐप से रहें दूर, नहीं तो बाद में पड़ेगा पछताना, महाराष्ट्र साइबर सेल ने किया आगाह
फर्जी ऐप (Photo Credits: Twitter)

मुंबई: भारत ने कुछ दिन पहले डेटा सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके टिकटॉक (TikTok) समेत 59 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया. इस बीच लोकप्रिय वीडियो-शेयरिंग एप्लिकेशन टिकटॉक का फर्जी डाउनलोड लिंक व्हाट्सएप (WhatsApp) पर वायरल हो रहा है. इस संबंध में महाराष्ट्र साइबर सेल ने एक चेतावनी जारी की है और 'TikTok Pro' लिंक को एक मैलवेयर (Malware) बताया है.

बताया जा रहा है कि फेक टिकटॉक प्रो ऐप को लोग विकल्प के रूप में देख रहे है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है. यह एक मैलवेयर है, जो लिंक पर क्लीक करने वाले लोगों के प्राइवेसी में सेंध लगा सकता है. महाराष्ट्र साइबर सेल ने लोगों से इस लिंक से दूर रहने की सलाह दी है. हाल ही में जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि साइबर क्रिमिनल टिकटॉक की लोकप्रियता का फायदा उठा रहे हैं और टिकटॉक प्रो लिंक के जरिए एक मैलवेयर को यूजर के स्मार्टफोन में पहुंचा रहे है. साइबर क्रिमिनल विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड करने के लिए बाहरी लिंक वाला संदेश भेज रहे हैं. इस लिंक के जरिए यूजर के स्मार्टफोन में मैलवेयर डाउनलोड होगा, जो यूजर का डेटा चुराएगा. अमेरिका टिकटॉक, अन्य चीनी सोशल मीडिया ऐप पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा : पोम्पिओ

महाराष्ट्र साइबर सेल ने कहा, "फर्जी मालवेयर ऐप टिकटॉक ऐप की तरह ही दिखाई देता है और कैमरा, इमेज गैलरी, माइक और अन्य के लिए अनुमति ले लेता है.” इसे टिकटॉक प्रो को डाउनलोड करने वाले कुछ यूजर ने ट्विटर पर बताया कि ऐप ने फोन कैमरा और माइक्रोफ़ोन तक पहुंचने की अनुमति ली, लेकिन ऐप में इनका कोई उपयोग नहीं है. 1 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया गया टिकटॉक का देसी विकल्प ऐप चिंगारी

भारत सरकार ने 29 जून को चीन की कुल 59 ऐप पर रोक लगा दी थी. इसमें टिकटॉक, वीगो वीडियो, हेलो, यूसी ब्राउजर, यूसी न्यूज, वीचैट और शेयरचैट जैसी चर्चित ऐप शामिल हैं. भारत सरकार ने देश की संप्रभुता और अखंडता और डेटा सुरक्षा को खतरा बताते हुये इन ऐप को बंद किया.