दर्दनाक हादसा : धीरे-धीरे मौत के आगोश में ऐसे समा गए तीन गरीब मजदुर

कहा जाता है की हर किसी के मौत का वक्त पहले से ही तय होता है. लेकिन कभी-कभी यह बेहद भयानक होता है. कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेध के मेरठ जिलें से सामने आया है. हर रोज की तरह तीन युवक अपने घर से हंसी-खुशी काम करने के लिए निकले थे.

फाइल फोटो (photo Credit: ANI)

लखनऊ: कहा जाता है की हर किसी के मौत का वक्त पहले से ही तय होता है. लेकिन कभी-कभी यह बेहद भयानक होता है. कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेध के मेरठ जिलें से सामने आया है. हर रोज की तरह तीन युवक अपने घर से हंसी-खुशी काम करने के लिए निकले थे. लेकिन किसी को क्या मालूम था कि तीनों का मौत बड़ी ही बेसब्री से इंतजार कर रही है.

जानकारी के मुताबिक गुरुवार शाम के 4:10 बजे मेरठ में मीट प्लांट में जहरीली गैस के रिसाव से तीन मजदूरों की मौत हो गई. दरअसल, प्लांट में एक टैंक की सफाई का काम शुरू किया गया था और अजय, जोगेंद्र, गुड्डू और सतवीर इसी काम के लिए वहां पहुंचे थे.

थोड़े समय बाद एक-एक कर जोगेंद्र, गुड्डू और अजय करीब 10 फीट गहरे सीवर में उतरते है लेकिन कोई भी बाहर वापस नहीं निकलता. चारों में से केवल सतवीर ही जिंदा बचता है और बाकी तीनों अभागो की दर्दनाक कहानी दुनिया के सामने रखता है. इस घटना के बाद प्लांट में हड़कंप मच गया. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.

सतवीर के मुताबिक जो भी मीट प्लांट के सीवर में उतरा वहीं मौत की नींद सो गया. उसने बताया कि सबसे पहले जोगेंद्र सीवर में उतरा और बेहोश हो गया. जिसके बाद ऊपर खड़े तीनों साथियों ने आवाज लगाई लेकिन जोगेंद्र कुछ नहीं बोला तो उसको बचाने के लिए गुड्डू उतर गया.

सतवीर ने कहा नीचे जाकर जोगेंद्र का गुड्डू ने हाथ पकड़ लिया लेकिन बाहर निकलने से पहले ही वह भी बेहोश होकर उसके ऊपर ही गिर पड़ा. मौत के सीवर के ऊपर अब जोगेंद्र और सतवीर बच गए जो कि नीचे उतरे अपने साथियों को बार-बार आवाज देते रहे लेकिन तमाम कोशिशो के बाद भी उन्हें कोई जवाब नहीं आया.

जिसके बाद थक हार कर अजय ने हिम्मत जुटाई और सतवीर को बोला कि तुम रस्सा पकड़ लो, मै अंदर जाकर देखता हूं. लेकिन शायद वह नहीं जनता था कि नीचे जो हाल ओसके दो साथियों का हुआ है वही उसका भी होगा. जैसे ही अजय सीवर में उतरा जहरीली गैस ने उसे अपने चपेट में ले लिया और वो भी बेहोश होकर गिर पड़ा.

अब मौत के सीवर के ऊपर अकेला सतवीर बचा. वह बहुत घबरा गया. सतवीर ऊपर से ही अपने तीनों साथियों का नाम लेकर चिल्लाने लगा लेकिन नाकाम रहा. और फिर वह बाकी लोगों की मदद के लिए बचाओ बचाओ कहकर चिल्लाने लगा. सतवीर की आवाज सुनकर करीब दस मिनट बाद कंपनी का सिक्योरिटी गार्ड वहां पहुंचा. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

बताया जा रहा है इस दौरान और भी लोग सीवर के यहां पहुंचे लेकिन कोई भी अंदर जाने के लिए तैयार नहीं हुआ. तभी इस खौफ के माहौल में जैसे तैसे कर पेट पर रस्सा बांधकर मीट प्लांट के दो कर्मचारी रिजवान और जलीस जान जोखिम में डालकर सीवर में उतरे. दोनों कर्मचारियों ने अजय, गुड्डू और जोगेंद्र को निकाल लिया लेकिन वह खुद भी बेहोश हो गए.

वहीं घटना की जानकारी मिलते ही मृतकों के परिजन मौके पर पहुंचे. रोते-बिलखते परिजनों ने कहा, अगर ऐसा पता होता तो हम उन्हें आज काम पर नहीं भेजते. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा केस दर्ज कर मामलें की जांच शुरू कर दी गई है.

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