बागपत: तीसरी क्लास की छात्रा के साथ बलात्कार मामले में पकड़े गए तीन नाबालिग भाई, मामले को छुपाने की कोशिश में दो शिक्षक निलंबित
बागपत जिले के रमाला क्षेत्र में तीसरी कक्षा की छात्रा के साथ प्राथमिक विद्यालय के शौचालय में दुष्कर्म के मामले में तीन सगे नाबालिग भाईयों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस के अनुसार 16 अगस्त को तीसरी कक्षा की छात्रा के साथ उसी के स्कूल के 13 वर्षीय एक छात्र ने बाथरूम में कथित रुप से दुष्कर्म किया था, जबकि उसके 10 और 11 वर्षीय दो भाई घटना के समय बाथरुम के बाहर खड़े थे.
बागपत : बागपत जिले के रमाला क्षेत्र में तीसरी कक्षा की छात्रा के साथ प्राथमिक विद्यालय (Primary School) के शौचालय में दुष्कर्म के मामले में तीन सगे नाबालिग भाईयों को हिरासत में लिया गया है. मामले को लम्बे वक्त तक छुपाये रखने के आरोप में संबंधित थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया है जबकि स्कूल के प्रधानाध्यापक समेत दो शिक्षकों को निलंबित किया गया है.
पुलिस अधीक्षक गोपेंद्र यादव ने बुधवार को बताया कि रमाला थाना क्षेत्र के एक गांव में 16 अगस्त को प्राथमिक पाठशाला में पढ़ने वाली तीसरी कक्षा की छात्रा के साथ उसी के स्कूल के 13 वर्षीय एक छात्र ने बाथरूम में कथित रुप से दुष्कर्म किया था, जबकि उसके 10 और 11 वर्षीय दो भाई घटना के समय बाथरुम के बाहर खड़े थे.
यह भी पढ़ें : हरियाणा और पुणे में एक बार फिर हुई इंसानियत शर्मसार, ढाई साल की बच्चियों के साथ हुआ बलात्कार
उन्होंने बताया कि छात्रा के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया है. तीनों आरोपियों को किशोर न्यायालय में पेश किया जायेगा. इनमें एक कक्षा पांच का छात्र है जबकि दो अन्य भाई कक्षा चार और तीन में पढ़ते हैं. पीड़ित बच्ची अब भी जिला अस्पताल में ही भर्ती है. उसकी मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई है.
पुलिस अधीक्षक के अनुसार थानाध्यक्ष नरेश कुमार सिंह ने 15 दिन तक मामले को छिपाए रखा. उन्हें लाइन हाजिर कर क्षेत्राधिकारी नगर ओमपाल सिंह को जांच सौंपी गई है. उधर, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव रंजन मिश्रा ने बताया कि इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए सम्बन्धित स्कूल के प्रधानाध्यापक संदीप कुमार और सहायक अध्यापिका मधु को निलंबित कर दिया गया है.
इसके अलावा अग्रिम आदेशों तक शिक्षामित्र का वेतन रोक दिया गया है. मामले की विस्तृत जांच कराई जा रही है. पीड़ित पक्ष का आरोप है कि उन्होंने थानाध्यक्ष नरेश से वारदात की शिकायत की थी, मगर उन्होंने कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित परिवार को ही डराया—धमकाया और आरोपी पक्ष से समझौता कर उन्हें मुंह बंद करने की धमकी दी. पीड़ित पक्ष ने थानाध्यक्ष पर छात्रा के पिता से दो बार लिखित समझौता कराने और मामले को छिपाने का आरोप भी लगाया.