जामिया विश्वविद्यालय परिसर के बाहर शुक्रवार को हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी नागरिकता संशोधन कानून की खिलाफत करने पहुंचे. दोपहर को जुमे की नमाज होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने जामिया का रूख किया. जामिया, जाकिर नगर, ओखला, शाहीन बाग व आसपास की कई मस्जिदों से हजारों लोग सीधे जामिया के गेट नंबर 7 के आसपास जुटना शुरू हुए. हाथों में सीएए विरोधी बैनर थामे व जमकर नारेबाजी कर रही भीड़ देखते ही देखते करीब एक किलोमीटर लंबे इलाके में फैल गई.
जामिया में जुटी भीड़ को कई छात्रों ने लाउडस्पीकर पर संबोधित किया. लाउड स्पीकर से ही सीएए व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की गई. यहां मौजूद लोगों में सीएए के अलावा एनआरसी को लेकर भी काफी नाराजगी दिखी. जामिया के बाहर की सड़क के दोनों ओर चप्पे चप्पे पर प्रदर्शनकारियों का हुजुम था.
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दोपहर साढ़े तीन बजे तक प्रदर्शनकारियों का यहां जुटना जारी रहा. जामिया के बाहर तब तक प्रदर्शनकारियों का आना जारी रहा जब तक की यहां सड़के प्रदर्शनकारियों से भर नहीं गई. जामिया के बाहर जगह न मिलने पर लोगों ने जामिया से शाहीन बाग की ओर जाने वाली सड़क का रूख किया.
शुक्रवार के प्रदर्शन में खास बात यह रही कि हजारों की भीड़ होने के बावजूद विश्वविद्यालय परिसर के मुख्य द्वार पर हो रहे प्रदर्शन का नेतृत्व छात्राओं व महिला कार्यकर्ताओ ने किया. ये छात्राएं सुबह से ही यहां मौजूर रही. हालांकि दोपहर को बड़ी संख्या में स्थानीय लोग यहां पहुंचे, लेकिन मुख्य द्वार पर ये महिलाए शाम तक अपने विरोध पर डटी रहीं.