Kumbh 2019: इस अखाड़े के साधु बोलते हैं फर्राटेदार अंग्रेजी, ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज जैसी कई यूनिवर्सिटी में देते हैं लेक्चर
साधु-संतों के बारे में अगर आप ये सोचते हैं कि वो ज्यादा पढ़े- लिखे नहीं होते. उन्हें सिर्फ संस्कृत और पौराणिक किताबों का ही ज्ञान होता है. तो आप बिल्कुल गलत सोचते हैं. भारत में एक ऐसा अखाड़ा है जहां के साधु- संत बहुत ज्यादा पढ़े- लिखे हैं...
साधु-संतों के बारे में अगर आप ये सोचते हैं कि वो ज्यादा पढ़े- लिखे नहीं होते. उन्हें सिर्फ संस्कृत और पौराणिक किताबों का ही ज्ञान होता है. तो आप बिल्कुल गलत सोचते हैं. भारत में एक ऐसा अखाड़ा है जहां के साधु- संत बहुत ज्यादा पढ़े- लिखे हैं. वो अच्छी संस्कृत ही नहीं बल्कि अंग्रेजी भी बहुत अच्छी बोलते हैं. यह अखाड़ा बहुत ही प्राचीन अखाड़ा है. इसमें करीब चार लाख साधु-संत हैं. जिनमें 10 हजार नागा साधु और 33 महामंडलेश्वर हैं.
निरंजनी अखाड़े के 70 प्रतिशत साधु-संतों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है. इस अखाड़े में डॉक्टर्स, प्रोफेसर, लॉ एक्सपर्ट और संस्कृत के विद्वान शामिल हैं. इस अखाड़े के संत स्वामी आनंदगिरी नेट क्वालिफाइड हैं. वे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (University of Oxford), कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी (University of Cambridge), सिडनी यूनिवर्सिटी (University of Sydney) आईआईटी खड़गपुर (Indian Institute of Technology Kharagpur), और आईआईएम शिलांग (Indian Institute of Management Shillong) जैसे बेहतरीन कॉलेजों में लेक्चर दे चुके हैं. फिलहाल वह बनारस में पीएचडी कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें : कुंभ 2019 : भव्य मेले में शामिल होंगे 13 प्रमुख अखाड़े, जानें इनसे जुड़ी दिलचस्प बातें
निरंजनी अखाड़ा इलाहाबाद (Allahabad) और हरिद्वार (Haridwar) में पांच स्कूल और कॉलेज चलाता है. कॉलेज के मैनेजमेंट की सारी व्यवस्थाएं अखाड़े के संत ही संभालते हैं. इसके अलावा अखाड़े के संत ही छात्रों को पढ़ाते हैं. कुंभ मेले में (Kumbh 2019) सभी अखाड़े अपनी -अपनी पेशवाई निकालते हैं. लेकिन मेले में निरंजनी अखाड़े की पेशवाई देखने लायक होती है. प्रयागराज (Prayagraj) मेला 15 जनवरी से 4 मार्च तक चलेगा.