Corona Vaccine: कोविशिल्ड और कोवाक्सिन से नहीं ब्लड क्लॉट होने का कोई जोखिम- शीर्ष पैनल
एक शीर्ष सरकारी समिति ने निष्कर्ष निकाला है कि अभी तक कोविशिल्ड और कोवाक्सिन टीकाकरण के बाद ब्लड क्लॉट्स का कोई खतरा नहीं समिति ने प्रक्रिया में शामिल एक शीर्ष सरकारी अधिकारी के अनुसार, अपने निष्कर्षों को सबमिट करने से पहले देश में प्राथमिकता वाले समूहों के सरकार के चल रहे टीकाकरण अभियान के दौरान 400 से अधिक प्रमुख प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया.
एक शीर्ष सरकारी समिति ने निष्कर्ष निकाला है कि अभी तक कोविशिल्ड और कोवाक्सिन (Covishield & Covaxin) टीकाकरण के बाद ब्लड क्लॉट्स का कोई खतरा नहीं हैं. समिति ने प्रक्रिया में शामिल एक शीर्ष सरकारी अधिकारी के अनुसार, अपने निष्कर्षों को सबमिट करने से पहले देश में प्राथमिकता वाले समूहों के सरकार के चल रहे टीकाकरण अभियान के दौरान 400 से अधिक प्रमुख प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया. 400 लोगों पर अनालिसिस के बाद निष्कर्ष निकला है कि कोविशिल्ड या कोवाक्सिन के साथ कोई असामान्य रक्तस्राव या ब्लड क्लॉट्स की परेशानी सामने नहीं आयी है. आईएनसीएलएन (INCLEN) ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक और राष्ट्रीय प्रतिकूल घटनाओं (National Adverse Events Following Immunization ) के सलाहकार और इस मुद्दे को देखने वाली समिति (AEFI) के सलाहकार डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा.
ये निष्कर्ष Covid-19 (NEGVAC) के साथ-साथ GACVS के लिए वैक्सीन प्रशासन के राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को प्रस्तुत किए गए हैं, जिनमें डॉ अरोड़ा भी सदस्य हैं. उसके अनुसार स्थिति पर नजर रखी जाएगी. बता दें कि कुछ दिनों पहले रक्त के थक्के के डर से एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन के रोलआउट को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था. बता दें कि पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशिल्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मास्यूटिकल दिग्गज एस्ट्राजेनेका की साझेदारी में विकसित किया गया है. यह भी पढ़ें: Covid Vaccine: गहलोत की केंद्र से अपील, कोविड वैक्सीन लेने की आयुसीमा हटाएं
भारत ने 1 मार्च को 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों वाले 45 से ऊपर के लोगों के लिए कोरोनावायरस वैक्सीन का सार्वजनिक रोलआउट शुरू किया. भारत में अब तक 5 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं. भारत ने पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मचारियों और फ्रंटलाइन श्रमिकों का टीकाकरण किया.