Rajasthan, 25 फरवरी : राजस्थान से एक अनोखी खबर सामने आई है. जिसने एक बार फिर दहेज प्रथा के खिलाफ एक नई आवाज उठाते हुए समाज को नया संदेश दिया है. राजस्थान के बूंदी जिले के पीपरवाला गांव निवासी सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य के पुत्र की सगाई के दौरान वधु पक्ष द्वारा 11 लाख 101 रुपये और गीता जी की पुस्तक दी गई थी. लड़के के पिता ने 11 लाख की राशि वापस लौटा कर दहेज प्रथा के खिलाफ एक नई आवाज उठाते हुए समाज को नया संदेश दिया.
राजस्थान:बूंदी ज़िले के पीपरवाला गांव के निवासी सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य ब्रजमोहन मीणा ने अपने बेटे की सगाई में दहेज में मिले 11 लाख रुपये लड़की के परिवार को वापस लौटाए। दुल्हन ने बताया, "मेरे परिवार ने इन्हें 11 लाख 101 रुपये दिए लेकिन उसमें से इन्होंने 101 रुपये लिये।"(23.2.20) pic.twitter.com/4g16vo4Ldf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 25, 2021
वहीं इस बात को लेकर दुल्हन ने बताया कि , मेरे परिवार ने इन्हें 11 लाख 101 रुपये दिए लेकिन उसमें से इन्होंने बस 101 रुपये लिये.
बता दे कि, इस कार्यक्रम के दौरान वधू पक्ष की तरफ से समाज की परंपरा एवं रीति नीति के तहत दूल्हा पक्ष को दहेज दिया जाता है, जिसमें वधू पक्ष द्वारा वर पक्ष को 11 लाख 101 रुपये और गीता जी दी गई थी. भेंट में दी गई राशि में केवल वर पक्ष के ब्रजमोहन मीणा ने केवल 101 रुपये और गीता जी ही प्राप्त की. साथ ही 11 लाख की दी गई नगद राशि को वधू पक्ष को वापस लौटा दिया.
इसके साथ ही दहेज प्रथा का विरोध किये जाने के कदम की तारीफ की गई.