न्यूजीलैंड में एक कंपनी पर गलत दावों के साथ उत्पाद बेचने के लिए भारी जुर्माना लगाया गया है. कंपनी भारतीय उत्पादों का इस्तेमाल कर रही थी.न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने के आरोप में एक कंपनी पर दो करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया है. हैमिल्टन शहर में स्थित डेयरी कंपनी, मिल्कियो फूड्स लिमिटेड पर, "100 फीसदी शुद्ध न्यूजीलैंड" के झूठे विज्ञापन के लिए जुर्माना लगाया गया है, जबकि उसने अपने उत्पादों में भारत में बने मक्खन का उपयोग किया था.
न्यूजीलैंड कॉमर्स कमीशन ने मिल्कियो फूड्स लिमिटेड पर 420,000 न्यूजीलैंड डॉलर्स यानी लगभग दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. कंपनी ने फेयर ट्रेडिंग एक्ट के 15 उल्लंघनों का दोष स्वीकार किया था. ये उल्लंघन उनके घी उत्पादों में उपयोग किए गए मक्खन के बारे में झूठे दावे करने से संबंधित थे.
कमीशन की जांच में यह सामने आया कि मिल्कियो ने अपने घी उत्पादों को न्यूजीलैंड डेयरी से बना हुआ बताया, जबकि असल में मुख्य सामग्री, यानी मक्खन, भारत से आयात किया गया था. कमीशन ने कहा कि कंपनी ने "100 फीसदी प्योर न्यूजीलैंड " और "न्यूजीलैंड की साफ हरी चारागाहों पर आधारित डेयरी फार्मों से" जैसे वाक्यों का इस्तेमाल किया, जिसने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं को गुमराह किया.
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इस मामले की सुनवाई करने वाले हैमिल्टन जिला न्यायालय के न्यायाधीश थॉमस इंग्राम ने न्यूजीलैंड के डेयरी उद्योग को इन गलत बयानों से होने वाले संभावित नुकसान पर चिंता जताई. जस्टिस इंग्राम ने कहा, "कंपनी के झूठे दावे उपभोक्ताओं और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में न्यूजीलैंड के डेयरी उत्पादों पर भरोसे को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं."
देश की छवि को नुकसान
मामले को इसलिए भी गंभीर माना गया क्योंकि मिल्कियो फूड्स लिमिटेड ने फर्नमार्क लोगो और लाइसेंस नंबर का उचित अनुमति के बिना इस्तेमाल किया. फर्नमार्क लोगो को भरोसे का प्रतीक माना जाता है, जो वैश्विक स्तर पर यह दिखाता है कि उत्पाद वास्तव में न्यूजीलैंड में बने हैं. अदालत ने कहा कि मिल्कियो ने इस लोगो का प्रयोग जारी रखने के लिए गलत और अधूरी जानकारी दी, जिससे उपभोक्ताओं को उत्पादों की असली उत्पत्ति के बारे में गुमराह किया गया.
कॉमर्स कमीशन की फेयर ट्रेडिंग जनरल मैनेजर वनेसा हॉर्न ने इस मामले को न्यूजीलैंड के निर्यात ब्रांड की छवि के लिए अहम बताया. एक बयान में उन्होंने कहा, "न्यूजीलैंड ने उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा बनाई है, जो हमारे डेयरी उद्योग और निर्यात के मूल्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है. मिल्कियो ने इस प्रतिष्ठा का फायदा उठाकर अपने उत्पादों को प्रमोट किया, जिससे उपभोक्ताओं को धोखा दिया गया और पूरे उद्योग को संभावित रूप से नुकसान पहुंचा."
न्यूजीलैंड का डेयरी उद्योग देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो अच्छी क्वॉलिटी वाले दूध, मक्खन और अन्य डेयरी उत्पादों के लिए जाना जाता है. कॉमर्स कमीशन का मिल्कियो फूड्स लिमिटेड के खिलाफ मामला चलाने का निर्णय इसी प्रतिष्ठा की सुरक्षा को बनाए रखने से प्रेरित था.
न्यूजीलैंड का डेयरी उद्योग
कॉमर्स कमीशन ने देश के कृषि मंत्रालय के अनुरोध पर यह जांच शुरू की थी. हॉर्न ने कहा, "यह सजा अन्य लोगों के लिए चेतावनी होनी चाहिए जो न्यूजीलैंड ब्रांड का झूठा दावा करने की सोच रहे हैं. देश के डेयरी निर्यात की पवित्रता को बनाए रखना जरूरी है.”
न्यूजीलैंड का डेयरी उद्योग देश की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण क्षेत्र है. यह सालाना लगभग 12 अरब डॉलर का व्यापार करता है. इस उद्योग में दूध, मक्खन, पनीर, और शिशु फार्मूला जैसे विभिन्न डेयरी उत्पादों का उत्पादन होता है, जिनमें से अधिकांश अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात किए जाते हैं.
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न्यूजीलैंड दुनिया के शीर्ष डेयरी निर्यातकों में से एक है और डेयरी उत्पाद देश के कुल निर्यात का लगभग 28 प्रतिशत हिस्सा हैं. 2023 में डेयरी निर्यात का मूल्य लगभग 15 अरब डॉलर आंका गया था. न्यूजीलैंड के डेयरी निर्यात के प्रमुख बाजारों में चीन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं. दूध का पाउडर, मक्खन और पनीर उसके सबसे बड़े निर्यात हैं, जबकि स्किम दूध यानी कम फैट वाला दूथ और बटरमिल्क पाउडर भी बड़ी मात्रा में निर्यात किए जाते हैं.