ठाणे MACT का बड़ा फैसला, ST बस एक्सीडेंट में 100% विकलांग हुई महिला को MSRTC से 55 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश
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ठाणे: ठाणे मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल (MACT) ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) को पुणे की एक महिला को ₹55,02,772 मुआवजा देने का आदेश दिया है. यह महिला 2021 में हुए एक ST बस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई थी, जिससे वह 100% विकलांग हो गई.

पीड़िता का नाम कंचन शाम कुटे

पीड़िता कंचन शाम कुटे (36) ने MSRTC के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, क्योंकि निगम का डिविजनल ऑफिस ठाणे के ओल्ड बॉम्बे–आगरा रोड पर स्थित है. यह भी पढ़े: Mumbai BEST Bus Accident: कुर्ला एक्सीडेंट मामले में बेस्ट का ड्राइवर गिरफ्तार, हादसे वाले दिन पहली बार चला रहा था बस!

हादसा चालक की लापरवाही के चलते

ट्रिब्यूनल ने पाया कि यह हादसा बस चालक की लापरवाही के कारण हुआ. चालक ने ब्रेक फेल होने की सूचना यात्रियों को नहीं दी, जिससे बस का नियंत्रण खो गया और नासिक–पुणे हाईवे के पास कुराली गांव में बस पलट गई. इस दौरान कंचन गंभीर रूप से घायल हो गईं और बाद में स्थायी रूप से विकलांग हो गईं.

24 अगस्त 2021 को हुआ हादसा

हादसा 24 अगस्त 2021 को दोपहर 12:10 बजे हुआ, जब कंचन ST बस में यात्रा कर रही थीं. उनकी शिकायत के अनुसार, चालक तेज़ और अनियंत्रित गति से वाहन चला रहा था, जबकि यात्रियों ने बार-बार सावधानी बरतने का आग्रह किया। इसके बावजूद बस अनियंत्रित होकर पलट गई और सड़क किनारे बिजली के पोल से टकराई। इस हादसे में कंचन समेत कई यात्रियों को गंभीर चोटें आईं.

चालक के खिलाफ मामला दर्ज

चाकन पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 279, 337, 338 और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 184 के तहत चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया और बाद में चार्जशीट दायर की।

पीड़िता एक कंपनी में करती थी काम

कंचन, जो शिव इंडस्ट्रीज में क्वालिटी इंस्पेक्टर के पद पर ₹17,500 मासिक वेतन प्राप्त करती थीं, ने बताया कि उन्होंने अब तक लगभग ₹7 लाख उपचार पर खर्च किए और हादसे के कारण स्थायी रूप से विकलांग हो गई हैं.

ट्रिब्यूनल का फैसला

प्रेसिडिंग मेंबर R.V. मोहिटे ने कहा कि चालक द्वारा ब्रेक फेल होने की जानकारी न देना लापरवाही है. ट्रिब्यूनल ने आदेश में कहा "वाहन चालक ने ब्रेक फेल होने की जानकारी यात्रियों को नहीं दी, जिससे शिकायतकर्ता को गंभीर चोटें आईं और उन्हें 100 प्रतिशत गतिशीलता विकलांगता के साथ जीवन जीने के लिए छोड़ दिया गया.

मुआवजे की गणना

ट्रिब्यूनल ने कंचन की मासिक आय ₹17,500 मानी और उनकी 100% पेशेवर विकलांगता के आधार पर वार्षिक नुकसान ₹2,10,000 आंका. सारा वर्मा और प्रणय सेठी के फैसलों का हवाला देते हुए 15 का मल्टीप्लायर और 50% भविष्य की संभावना जोड़ते हुए कुल भविष्य का नुकसान ₹47,25,000 आंका.

इसके अतिरिक्त, दर्द और कष्ट, विशेष आहार, आवागमन, भविष्य के चिकित्सा खर्च और जीवन की सुविधा के नुकसान के लिए अतिरिक्त राशि जोड़ते हुए कुल मुआवजा ₹55,02,772 हुआ.

MSRTC की दलील और ट्रिब्यूनल का आदेश

MSRTC ने दावा किया कि दुर्घटना केवल मैकेनिकल फेल्योर (ब्रेक फेल) के कारण हुई और चालक की लापरवाही नहीं थी। ट्रिब्यूनल ने यह तर्क खारिज करते हुए कहा कि चालक और निगम दोनों ही जिम्मेदार हैं, क्योंकि पर्याप्त सुरक्षा उपाय और यात्रियों की सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया.

यात्री सुरक्षा पर संदेश

इस आदेश के साथ, ठाणे MACT ने स्पष्ट किया कि परिवहन निगमों को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी और आपात स्थिति में सतर्क न रहना लापरवाही मानी जाएगी.