लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उठे पासपोर्ट विवाद का अब अंत हो सकता है. अंतरधार्मिक विवाह करने वाले अनस सिद्दीकी और तन्वी सेठ को आखिरकार पासपोर्ट दे दिया गया. यह पासपोर्ट बुधवार को लखनऊ के पासपोर्ट कार्यालय द्वारा नए नियमों के तहत जारी किए गया. वहीं लखनऊ ऑफिस ने साफ कहा कि तन्वी और अनस के पासपोर्ट रद्द नहीं किए जाएंगे क्योकि अब पासपोर्ट बनवाने के लिए पते का सत्यापन होना जरूरी नहीं है.
पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने बताया कि तन्वी और अनस को पासपोर्ट जारी कर दिए गए. उन्होंने कहा नए नियम के मुताबिक अब आवेदक को उसी शहर में रहना अनिवार्य नहीं है. अगर आवेदक संबंधित पासपोर्ट सेवा केन्द्र (पीएसके) क्षेत्र का मूल निवासी है, तो वह उस पते से पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन कर सकता है.
इस बीच सरकार की आंतरिक जांच में पाया गया कि दंपती से धर्म के बारे में पासपोर्ट अधिकारी ने अप्रासंगिक सवाल पूछे थे और वह गलत था. 21 जून को तन्वी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्विट कर पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा की शिकायत की. तन्वी ने कहा था कि अधिकारी विकास मिश्रा उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर कर रहे हैं. विकास मिश्रा धर्म टिप्पणी कर रहे हैं. जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने सीधे तौर पर इस मामलें में हस्तक्षेप कर अगले ही दिन दोनों का पासपोर्ट बनवा कर दे दिया गया.
इसके पहले खबर आ रही थी कि तन्वी और उनका परिवार एक साल से लखनऊ में नहीं रह रहा है, ऐसे में पुलिस ने जो रिपोर्ट लगाई है, उसके आधार पर तन्वी का पासपोर्ट रद्द हो सकता है. लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) दीपक कुमार ने कहा था कि पासपोर्ट कार्यालय से दस्तावेज उपलब्ध होने के बाद जांच की गई. जिसमें दिए गए पते का सत्यापन किया गया. जिससे पता चला कि वह अपने पति अनस के साथ एक साल से नोएडा में रह रही हैं. इसी बात को जांच रिपोर्ट में स्पष्ट कर पासपोर्ट विभाग को रिपोर्ट भेज दी गई और आगे की कार्रवाई पासपोर्ट विभाग पर निर्भर होगा.