Tamil Nadu: राज्य के कुछ जिलों में प्रतिबंधित कीटनाशकों की उपलब्धता की शिकायत, सरकार कार्रवाई करेगी
Farmer Repsentative Image(Photo Credit: Pixabay)

चेन्नई, 18 अप्रैल: राज्य के कुछ जिलों में प्रतिबंधित कीटनाशकों की उपलब्धता की शिकायतों के बाद, तमिलनाडु कृषि विभाग ने औचक निरीक्षण करने के लिए विशेष दस्ते का गठन किया है. राज्य के कृषि विभाग ने 12 दिसंबर, 2022 को एक सकरुलर जारी कर केंद्र के निर्देश के आधार पर छह कीटनाशकों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था. केंद्र के अनुसार इन कीटनाशकों का उपयोग कई लोगों द्वारा आत्महत्या करने के लिए किया गया था और इसलिए इसे कृषि क्षेत्रों और खेतों में इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. यह भी पढ़ें: Tamil Nadu: 'शिक्षा की जरूरत' पर पुलिसकर्मी के वीडियो की मुख्यमंत्री स्टालिन ने सराहना की

कीटनाशक अधिनियम 1986 और कीटनाशक नियम 1971 के तहत उर्वरक दुकानों को इन कीटनाशकों की बिक्री और वितरण को रोकने के लिए निर्देशित किया गया था. तिरुप्पुर, पुडुकोट्टई और सलेम जिलों के किसानों ने शिकायत की कि इन क्षेत्रों में मोनोक्रोटोफॉस जैसे रसायन - तमिलनाडु में छह प्रतिबंधित कीटनाशकों में से एक - का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है. किसानों के अनुसार प्रतिबंधित उत्पाद ऑनलाइन बिक्री के माध्यम से भोले-भाले किसानों के हाथों में पहुंच रहा था.

सलेम के एक किसान सत्यमूर्ति के. ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, यहां नारियल के खेतों में मोनोक्रोटोफॉस का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है और इससे किसानों को सफेद मक्खियों के हमले से बचने में मदद मिलती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि पोलाची, कांगेयम और उदमुलपेट में बड़ी संख्या में किसान प्रतिबंधित कीटनाशक का उपयोग कर रहे हैं.

राज्य के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में किसानों की शिकायतों के बाद, राज्य के कृषि विभाग ने उन दुकानों का पता लगाने के लिए दस्तों का गठन किया, जो प्रतिबंधित उर्वरकों को बेचते हैं और कृषि विभाग के निर्देश के बाद भी उत्पाद का उपयोग कर रहे हैं कि कीटनाशक पर रोक लगाई.

कृषि विभाग के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि मोनोक्रोटोफॉस की जब्ती के बाद भी अवैध रूप से खाद खरीदकर नारियल के बागों में इस्तेमाल किया जा रहा है. विभाग की राय है कि ऑनलाइन बिक्री केंद्र इन प्रतिबंधित कीटनाशकों की बिक्री को बढ़ावा दे रहे हैं और विभाग ने इन कीटनाशकों के उपयोग की जांच, रोकथाम और रोकथाम के लिए पहले ही विशेष दस्ते गठित कर दिए हैं.