All About Omicron Variant: 'डेल्टा वेरिएंट' से हल्के हैं 'ओमिक्रोन' के लक्षण, जानें कैसे आता है पकड़ में

भारत समेत विश्व के कई देशों में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक ओमिक्रोन से संक्रमित व्यक्ति के लक्षण डेल्टा वेरिएंट से अलग और हल्के हैं.

निपाह वायरस (Photo Credits: PTI)

भारत समेत विश्व के कई देशों में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक ओमिक्रोन से संक्रमित व्यक्ति के लक्षण डेल्टा वेरिएंट से अलग और हल्के हैं. इस संबंध में दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष एंजेलिक कोएट्जी बताती हैं कि ओमिक्रोन में अधिकतर थकान की शिकायतें मिल रही है.

शरीर में दर्द और पीड़ा होने की शिकायत

शरीर में दर्द और पीड़ा होने की शिकायत भी है. कुछ को काफी तेज सिरदर्द और थकान हो रही है. किसी में गंध और स्वाद चले जाने, नाक बंद होने या बुखार की शिकायत नहीं देखी गई है. यानी डेल्टा वेरिएंट से इसके लक्षण अलग और हल्के हैं.

आरटी-पीसीआर जांच में पकड़ में आता है ओमिक्रोन

एंजेलिक कोएट्जी पहली अधिकारी थीं, जिन्होंने कोरोना वायरस के नए ओमिक्रोन वेरिएंट के बारे में दक्षिण अफ्रीकी सरकार को अलर्ट किया था. कोएट्जी ने बताया कि अभी तक की समझ के अनुसार ओमिक्रोन आरटी-पीसीआर जांच में पकड़ में आता है.

रैपिड जांच से बता सकते हैं कि आपको कोरोना है या नहीं. अगर संक्रमण के लक्षणों को देखें और लक्षण डेल्टा जैसे नहीं हैं, तो यह माना जा सकता है कि व्यक्ति ओमिक्रोन से संक्रमित है. यह भी पढ़ें : मध्य प्रदेश : जंगल से बचाया गया जख्मी तेंदुआ शावक चिड़ियाघर से रहस्यमयी हालात में लापता

कोविड-19 अपडेट:

– राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 125.75 करोड़ कोविड रोधी टीके लगाए जा चुके हैं

– भारत में वर्तमान में 99,976 सक्रिय मामले

– सक्रिय मामले कुल मामलों के 1 प्रतिशत से कम हैं,वर्तमान में 0.29 प्रतिशत,मार्च 2020 के बाद से सबसे कम

– स्वस्थ होने की दर वर्तमान में 98.35 प्रतिशत

– पिछले 24 घंटों के दौरान 8,612 रोगी स्वस्थ हुए, देश भर में अभी तक कुल 3,40,45,66 मरीज स्वस्थ हुए

– बीते चौबीस घंटे के दौरान 9,216 नए मामले सामने आए

– दैनिक पॉजिटिविटी दर 0.80 प्रतिशत है,पिछले 60 दिनों से 2 प्रतिशत से कम

– साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर वर्तमान में 0.84 प्रतिशत है; पिछले 19 दिनों से 1 प्रतिशत से कम है

– अभी तक कुल 64.46 करोड़ जांचें की जा चुकी हैं

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