नई दिल्ली, 22 सितंबर: सीवोटर द्वारा पूरे देश में किए गए एक विशेष सर्वेक्षण से पता चला है कि अधिकांश उत्तरदाताओं की राय है कि भारतीय एजेंसियां कनाडा में खालिस्तानी कट्टरपंथियों की हत्याओं में शामिल नहीं हैं.
सीवोटर सर्वेक्षण में 3,303 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया था. कुछ महीने पहले खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरजीत सिंह निज्जर को कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मार दी गई थी. कनाडा हो या पाकिस्तान, विदेशी सरजमीं पर भारत के दुश्मनों का खात्मा! 90 फिसदी भारतीयों ने किया इसका समर्थन
शुरुआत में कनाडा में इस बात पर लगभग आम सहमति थी कि निज्जर कनाडा में कट्टरपंथी खालिस्तानियों के बीच अक्सर होने वाले गैंगवार का शिकार हुआ था, जिस पर नार्को और मानव तस्करी जैसे संगठित आपराधिक अपराधों का आरोप लगाया गया है.
निज्जर भारतीय अधिकारियों द्वारा आतंकवाद के आरोप में वांछित था. इंटरपोल ने निज्जर के लिए रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था.
हालांकि, भारतीय अधिकारियों के जस्टिन ट्रूडो की सरकार से सहयोग का अनुरोध करने के बावजूद, कट्टरपंथी खालिस्तानियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जब से कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने परोक्ष आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय सुरक्षा एजेंसियां शामिल हो सकती हैं, तब से विवाद खड़ा हो गया है.
कुल मिलाकर, केवल 16 प्रतिशत उत्तरदाताओं की राय है कि कनाडा में खालिस्तानी कट्टरपंथियों की हत्याओं में भारतीय एजेंसियां शामिल हैं, जबकि 56 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं का मानना है कि कोई भी भारतीय एजेंसी इसमें शामिल नहीं है.
ट्रूडो के आरोपों के बाद, दोनों देशों ने यात्रा सलाह जारी की है और कनाडा में भारतीय मिशन ने अगली सूचना तक कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना निलंबित कर दिया है. खालिस्तानी उग्रवाद कई वर्षों से कनाडा और भारत के बीच मतभेद का एक गंभीर मुद्दा रहा है.