नई दिल्ली: 2016 में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर पूर्वी नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुडा ने बड़ा बया दिया है. इस पूरे ऑपरेशन को मॉनिटर करने वाले हुडा ने कहा है कि सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करने का निर्णय राजनीतिक नेतृत्व का था. डीएस हुडा ने यह भी कहा कि राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय से सेना सहमत थी. उन्हें उड़ी में जवान हुए अपने साथियों का बाला लेना था.
हुड्डा यही नहीं रुके, उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम भविष्य में भी पाकिस्तान को कड़ा जवाब देना चाहते हैं तो ये हम दोबारा भी कर सकते हैं.
Decision finally came from political leadership but military was in agreement that we needed to do something. If we want to send another strong response to Pak in the future we can definitely do it again: Lt General (Retd) DS Hooda who oversaw 2016 #SurgicalStrike Operation pic.twitter.com/kJjI3Xr10X
— ANI (@ANI) June 29, 2018
बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक पर देश में लगातार सियासत चल रही है. दो दिन पहले सेना की ओर से इस हमले का विडियो भी जारी किया गया. वीडियो के बाद भी आरोप प्रत्यारोप का दौर नहीं थमा. कांग्रेस की ओर से प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसके लिए सेना की तो तारीफ की, लेकिन बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि वह सैनिकों की शहादत और बलिदान पर राजनीति करती है. सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय सेना ने बीते दो दशकों में विभिन्न स्थानों पर अत्यंत सटीकता के साथ सर्जिकल स्टाइक किए हैं. उन्होंने 2016 से पहले हुई आठ सर्जिकल स्ट्राइक का ब्योरा पेश किया.
वहीं, जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अंदर की गई सर्जिकल स्ट्राइक से जमीन पर कुछ भी बदलाव नहीं हुआ.
बीजेपी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सियासत करने के लिए कांग्रेस को घेरा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को बताया, "कांग्रेस का पक्ष आतंकवादियों और उनके संरक्षक पाकिस्तान को खुश करने वाला है।"