नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सात रोहिंग्या लोगों को म्यांमार वापस भेजने से रोकने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि म्यांमार ने मोहम्मद जमाल, मोहबुल खान, जमाल हुसैन, मोहम्मद युनूस, सबीर अहमद, रहीम उद्दीन और मोहम्मद सलाम को म्यांमार ने इन लोगों को अपना नागरिक मान लिया है. वहीं म्यांमार ने भी इन्हें अपना नागरिक माना है.
बता दें कि केन्द्र सरकार को सात रोहिंग्या लोगों को म्यांमार वापस भेजने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक नई याचिका दायर की गई थी. वहीं इस मसले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ कहा था कि वह आवेदन पर विचार करने के बाद ही इस मामले की तुरंत सुनवाई पर फैसला देगी. पीठ में न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ भी शामिल हैं.
Supreme Court refuses to interfere in Centre’s decision to deport 7 Rohingya refugees to Myanmar.A plea was filed in SC yesterday for urgent hearing seeking restraint on Centre from deporting the 7 Rohingyas lodged in the Silchar Detention centre in Assam to Myanmar pic.twitter.com/UPCX142NSo
— ANI (@ANI) October 4, 2018
गौरतलब हो कि भारत सरकार ने सात रोहिंग्या लोगों को विदेशी कानून के उल्लंघन के आरोप में 29 जुलाई, 2012 को गिरफ्तार किया गया था. केंद्र सरकार ने पिछले साल संसद को बताया था कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर में पंजीकृत 14,000 से अधिक रोहिंग्या भारत में रहते हैं. हालांकि मदद प्रदान करने वाली एजेंसियों ने देश में रहने वाले रोहिंग्या लोगों की संख्या करीब 40,000 बताई है.