जस्टिस सीकरी ने ठुकराया केंद्र सरकार का यह प्रस्ताव, CBI निदेशक आलोक वर्मा को हटाने वाले पैनल में थे शामिल
सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज एक सीकरी ने विवादों में घिरने के बाद मोदी सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. बताया जा रहा है कि सीकरी ने कॉमनवेल्थ सेक्रेटेरिएट आर्बिट्रल ट्राइब्यूनल से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है.
नई दिल्ली: सीबीआई निदेशक (CBI Director) आलोक वर्मा (Alok Verma) को हटाए जाने वाले पैनल में शामिल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज एक सीकरी (Justice AK Sikri) ने विवादों में घिरने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) के प्रस्ताव (Proposal) को ठुकरा दिया है. बताया जा रहा है कि सीकरी ने कॉमनवेल्थ सेक्रेटेरिएट आर्बिट्रल ट्राइब्यूनल (Commonwealth Secretariat Arbitral Tribunal) से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है.
दरअसल, जस्टिस एक के सीकरी को उच्चस्तरीय चयन समिति में शामिल होने के बाद उन्हें लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय मध्यस्थता न्यायाधिकरण (सीएसएटी) में अध्यक्ष/सदस्य के तौर पर नामित किए जाने की पेशकश मिली थी, लेकिन अब उन्होंने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.
बता दें कि जस्टिस सीकरी आलोक वर्मा को सीबीआई के निदेशक पद से हटाए जाने वाले पैनल में शामिल थे. इस पैनल ने 2-1 के बहुमत से उन्हें पद से हटाने का फैसला किया था. इस फैसले के बाद जस्टिस सीकरी विवादों में घिर गए. यह भी पढ़ें: CBI निदेशक पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा ने तोड़ी चुप्पी, कहा- झूठे और फर्जी आरोपों के आधार पर हुई कार्रवाई
मीडिया के कुछ हलकों में ऐसी खबरें आने लगी कि आलोक वर्मा के खिलाफ प्रधानमंत्री के साथ खड़े होने की वजह से जस्टिस को फायदा मिला है और सरकार ने उन्हें लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय मध्यस्थता न्यायाधिकरण में अध्यक्ष/सदस्य के तौर पर नामित किए जाने का प्रस्ताव दिया.
जानकारी के मुताबिक, जस्टिस सीकरी (Justice AK Sikri) इन खबरों से बेहद परेशान हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने रविवार शाम विधि सचिव को एक पत्र लिखा और इस प्रस्ताव के लिए अपनी सहमति वापस ले ली. बताया जा रहा है कि सरकार ने इस जिम्मेदारी के लिए पिछले महीने उनसे संपर्क किया था और उन्होंने अपनी सहमति दी थी, जिसे अब वापस ले लिया है.