नई दिल्ली: पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए देश की शीर्ष कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को कहा कि वह पीएम केयर्स फंड को राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) में ट्रांसफर करने का आदेश नहीं सुनाएगा. कोरोना महामारी के कारण आनलाइन हो सकता है राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह
जस्टिस अशोक भूषण (Ashok Bhushan) की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) ‘सेन्टर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशंस’ (Centre for Public Interest Litigation-CPIL) की जनहित याचिका खारिज करते हुए कहा कि व्यक्तिगत और संगठन एनडीआरएफ में योगदान करने के लिए स्वतंत्र हैं और इस पर कोई रोक नहीं है. हालाँकि, पीएम केयर्स फंड एक अलग चैरिटी है जिसे पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया गया है. इसमें जमा राशि को एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है.
मिली जानकारी के मुताबिक एनजीओ ने अपनी याचिका में मांग की गई थी कोविड-19 महामारी से निबटने के लिये अनेक व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा दिये गये योगदान पीएम केयर्स फंड की बजाय राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (National Disaster Response Fund) में जमा कराने का आदेश दिया जाए. लेकिन कोर्ट ने केंद्र सरकार के पक्ष में निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था. याचिका में आरोप लगाया गया कि केन्द्र पीएम केयर्स फंड में आज तक जमा कराये गये करोड़ों रुपए के उपयोग के बारे में कोई जानकारी देने में कोताही कर रही है. याचिका में सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया कि वह कोविड-19 महामारी से निबटने के लिये आपदा प्रबंधन कानून के तहत राष्ट्रीय योजना तैयार करके इसे अधिसूचित करे.
याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष में जमा धन का इस्तेमाल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधानों के अनुरूप कोविड-19 महामारी के खिलाफ संघर्ष में ही करने का निर्देश केंद्र को दिया जाये. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दल पीएम केयर फंड को लेकर मोदी सरकार की आलोचना कर रहे है. (एजेंसी इनपुट के साथ)