नई दिल्ली, 10 दिसंबर : राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में शामिल दो शूटरों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए ट्रेन और टैक्सी का इस्तेमाल किया था. अधिकारी ने बताया कि राजस्थान पुलिस के संपर्क करने के बाद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा पिछले 72 घंटों से शूटरों की गतिविधियों पर नजर रख रही थी. अधिकारी ने कहा, "राजस्थान पुलिस ने खुफिया जानकारी दी है कि शूटरों ने 5 दिसंबर को राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने के बाद राजस्थान के डीडवाना के लिए टैक्सी ली थी. वहां से वे दिल्ली के लिए बस में सवार हुए. हालांकि, दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला कि दोनों शूटर धारूहेड़ा (हरियाणा) में बस से उतरे थे.
अधिकारी ने बताया, "उन्होंने धारूहेड़ा से रेवाड़ी रेलवे स्टेशन तक एक ऑटो-रिक्शा लिया, फिर हिसार (हरियाणा) के लिए ट्रेन में चढ़ गए. सुबह हिसार पहुंचने पर, उन्होंने उधम से संपर्क किया, जिन्होंने एक टैक्सी की व्यवस्था की." हिसार से तीनों ने हिमाचल प्रदेश के मनाली की यात्रा की. शनिवार को उनके चंडीगढ़ लौटने पर वहां तैनात एक टीम ने उन्हें पकड़ लिया. देर रात ऑपरेशन के दौरान दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने राजस्थान पुलिस के साथ मिलकर मुख्य आरोपी रोहित राठौड़ और नितिन फौजी समेत तीन लोगों को चंडीगढ़ से पकड़ लिया. यह भी पढ़ें : MP: कौन होगा मुख्यमंत्री? मध्य प्रदेश में भाजपा की ‘गुगली‘ का इंतजार
अधिकारी ने कहा, ''डीसीपी अमित गोयल की देखरेख में एक टीम ने राजस्थान पुलिस के साथ सहयोग किया और चंडीगढ़ के सेक्टर 22 के एक होटल में देर रात छापेमारी के दौरान टीम ने उधम सिंह के साथ दो शूटर रोहित और नितिन को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया.'' 5 दिसंबर को जयपुर के श्याम नगर इलाके में दो हमलावरों ने गोगामेड़ी के घर में घुसकर उन पर गोलियां चला दीं. उन्हें मानसरोवर के मेट्रो मास अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. उनके समर्थक तभी से आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. बुधवार शाम को गोगामेड़ी की पत्नी शिला शेखावत ने विरोध स्थल पर एक संबोधन में कहा, "मेरी मांग है कि जब तक आरोपियों को हमारे सामने नहीं लाया जाता तब तक विरोध जारी रहेगा."