श्रीहरिकोटा (Sriharikota) से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 48वें मिशन पर सुबह साढे पांच बजे प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी46 (Pslv c46) के साथ भारत के हर मौसम के रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह ‘आरआईसैट-2बी’ (Risat2b)का सफल प्रक्षेपण किया. यह प्रक्षेपण बुधवार सुबह साढ़े 5 बजे किया गया. रॉकेट अपने साथ 615 किलोग्राम का 'आरआईएसएटी-2बी' ले गया है जो आकाश से भारत की खुफिया क्षमताओं को और मजबूत करेगा.
इसरो द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक PSLV c46 ने आरआईसैट-2बी को पृथ्वी की निचली कक्षा (लो अर्थ ऑर्बिट) में सफल तौर पर स्थापित किया. यह प्रक्षेपण इस लिहाज से भी मायने रखता है क्योंकि यह रिसेट सैटेलाइन का चौथा उपग्रह है. मतलब ये भी कि खुफिया गतिविधियों में इससे काफी मदद मिलेगी. रिसेट की सेवा के मद्देनजर सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इमेजर को 300 किलोग्राम के रिसेट-2बी सैटेलाइट के साथ भेजा गया है.
Indian Space Research Organisation (ISRO) launches PSLVC46 from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota. PSLVC46 will launch the RISAT-2B radar earth observation satellite into a 555 km-altitude orbit. pic.twitter.com/iY2paDVjls
— ANI (@ANI) May 22, 2019
ISRO: #PSLVC46 successfully injects #RISAT2B into Low Earth Orbit. pic.twitter.com/FoS7yroqGX
— ANI (@ANI) May 22, 2019
गौरतलब हो कि भारत की एक अन्य 'आरआईएसएटी-2बीआर' नाम के रडार इमेज सैटेलाइट को भी इसी साल लांच करने की योजना है. इसरो के अनुसार, आरआईएसएटी-2बी' का उपयोग कृषि, वन विज्ञान और आपदा प्रबंधन में किया जाएगा. प्रक्षेपण के लगभग 15 मिनट के बाद रॉकेट 'आरआईएसएटी-2बी' को यहां से लगभग 555 किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित कर देगा. इसरो 6 सितंबर तक चंद्रयान-2 के रोवर को उतारने को लेकर आशान्वित है.