सिंगापुर का प्रस्ताव, 'बनना चाहते हैं यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का फस्र्ट कंट्री पार्टनर'

सिंगापुर ने उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का फस्र्ट कंट्री पार्टनर बनने की इच्छा जताई है. बुधवार को मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात के दौरान भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त सिमोन वोंग ने इस आशय का प्रस्ताव रखा, जिस पर सीएम ने खुशी जताई.

सीएम योगी (Photo Credits Twitter)

लखनऊ, 15 जून : सिंगापुर ने उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का फस्र्ट कंट्री पार्टनर बनने की इच्छा जताई है. बुधवार को मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात के दौरान भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त सिमोन वोंग ने इस आशय का प्रस्ताव रखा, जिस पर सीएम ने खुशी जताई. पांच कालिदास स्थित मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुई इस भेंट वार्ता के दौरान सिंगापुर और भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के मध्य संबंधों को और बेहतर करने के विषय में विचार-विमर्श किया गया. उच्चायुक्त वोंग ने बताया कि सिंगापुर की विभिन्न कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में 250 मिलियन यूएस डॉलर का निवेश किया है. अधिकांश निवेश नोएडा व आस पास के क्षेत्रों में हैं. हम अपने निवेशकों को लखनऊ सहित प्रदेश के दूसरे हिस्सों में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

उच्चायुक्त वोंग ने कहा कि सितंबर 2021 से अब तक सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल ने कई बार इन्वेस्ट यूपी के अधिकारियों से भेंट की है. यहां के अनुभव और बेहतर औद्योगिक माहौल को देखते हुए सिंगापुर की कई कम्पनियां यहां निवेश को इच्छुक हैं. ग्लोबल इन्वेस्टर समिट इन कम्पनियों के लिए एक अच्छा अवसर होगा. उच्चायुक्त ने कहा कि जल प्रबंधन सहित शहरी विकास और नियोजन के विभिन्न क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश का सहयोग करने में हमें प्रसन्नता होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2018 में सिंगापुर की यात्रा की थी. इस अवसर पर शहरी विकास एक अहम मुद्दा था. प्रधानमंत्री की मंशा के अनुसार सिंगापुर उत्तर प्रदेश में काम करने के इच्छुक है.

उत्तर प्रदेश के प्रति अपने गहरे लगाव को जाहिर करते हुए उच्चायुक्त ने कहा कि उन्हें यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं लगता कि मुख्यमंत्री जी से भेंट के बाद यूपी मुझे अपना दूसरा घर जैसा लगता है. पिछली बार जब सितंबर 2021 में सीएम योगी से भेंट हुई थी और प्रदेश के कई हिस्सों में जाने का मौका मिला था, तभी हमने यह महसूस किया था कि प्रदेश में सुरक्षा और शांति का बेहतर माहौल है और सरकार फिर से चुन कर आएगी. वोंग ने कहा कि आखिर हमारा आकलन सही साबित हुआ. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को विधानसभा चुनाव में अभूतपूर्व जीत पर बधाई दी, जिस पर सीएम ने आभार भी जताया.

सिंगापुर और यूपी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और आगे बढ़ाते हुए सिमोन वांग ने प्रदेश में प्रस्तावित कौशल विश्वविद्यालय की चर्चा की. उन्होंने कहा कि सिंगापुर यदि किसी रूप में इस परियोजना का भागीदार बन सके तो यह दोनों देशों के संबंधों को और बेहतर बनाने में उपयोगी होगा. इसके साथ ही वोंग ने उत्तर प्रदेश और सिंगापुर की सरकार के बीच तकनीकी ज्ञान और कौशल के एक्सचेंज के लिए एक कार्यक्रम का प्रस्ताव भी रखा. उन्होंने कहा कि सिंगापुर, राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के क्षमता अभिवर्धन के लिए जरूरी प्रशिक्षण देने को तैयार है. यह भी पढ़ें : धन शोधन मामले में सत्येंद्र जैन के खिलाफ कई ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और सिंगापुर के सु²ढ़ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं. राजनयिक संबंधों के साथ-साथ दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक रिश्ते हैं. राज्य इन संबंधों को और बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. औद्योगिक विकास के लिए उत्तर प्रदेश में सभी जरूरी इंफ्रास्ट्रक्च र उपलब्ध हैं. उत्तर प्रदेश आज एक्सप्रेस वे प्रदेश बन रहा है. बहुत जल्द यह 05 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला राज्य होगा. हल्दिया से वाराणसी तक पहला इनलैंड वाटर वे यहीं है. ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तथा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर उत्तर प्रदेश से गुजरते हैं. राज्य में दादरी तथा बोराकी में मल्टीमोडल लॉजिस्टिक/ट्रांसपोर्ट हब की स्थापना की जा रही है. सिंगापुर की कंपनियों को यहां अनुकूल माहौल प्राप्त होगा. अगले वर्ष प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में सिंगापुर को पार्टनर कंट्री बनाने में खुशी होगी. सीएम ने कहा कि जल्द ही एक भारतीय दल भी सिंगापुर का दौरा करेगा.

जल और ऊर्जा संरक्षण की जरूरतों पर भी चर्चा हुई. इस पर उच्चायुक्त सिमोन वोंग ने मुख्यमंत्री को बताया कि जनपद अयोध्या में 8,500 परिवारों के जीवन स्तर को ऊंचा करने के लिए सिंगापुर की एक संस्था द्वारा कार्य किया जा रहा है. यहां हर परिवार को स्मार्ट मीटर दिया गया है, जल की बचत और बिजली का न्यूनतम इस्तेमाल करने वाले परिवारों को पुरस्कृत किया जाएगा. परिवारों को जल और ऊर्जा संरक्षण के तौर-तरीकों से अवगत कराया जा रहा है. यह एक मॉडल है, जिसके माध्यम से समाज को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है.

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