240 सिख तीर्थयात्रियों का एक समूह 'साका पंजा साहिब' शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए 28 अक्टूबर को पाकिस्तान का दौरा करेगा. कार्यक्रम का आयोजन रावलपिंडी से करीब 45 किलोमीटर दूर हसन अब्दाल स्थित गुरुद्वारा पंजा साहिब में होगा. वे पाकिस्तान में अन्य ऐतिहासिक सिख तीर्थस्थलों का भी दौरा करेंगे, जिसमें गुरुद्वारा पंजा साहिब और ननकाना साहिब के साथ-साथ लाहौर भी शामिल हैं. यह भी पढ़ें: पीएफआई के खिलाफ एनआईए की कार्रवाई, महाराष्ट्र में 27 गिरफ्तार
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने मंगलवार को कहा कि तीर्थयात्री 28 अक्टूबर को अटारी-वाघा सीमा चौकी से पाकिस्तान पहुंचेंगे और दो नवंबर को अमृतसर लौटेंगे.
कालका ने कहा कि 240 तीर्थयात्रियों में से 40 को डीएसजीएमसी द्वारा भेजा जा रहा है.
साका पंजा साहिब कार्यक्रम 30 अक्टूबर 1922 को शुरू किया गया था। इसमें सिख कैदियों को लंगर (सामुदायिक भोजन) प्रदान किया गया था. लेकिन उन्हें अमृतसर में शांतिपूर्ण विरोध के लिए गिरफ्तार कर लिया गया.
लगभग 200 सिखों ने सिख कैदियों को भोजन देने के लिए एक ट्रेन को जबरन रोका। बताया जाता है कि अधिकारियों ने स्टेशन पर ट्रेन को रोकने से इनकार कर दिया था.
उनमें से कुछ इस घटना में शहीद हो गए, क्योंकि वे ट्रेन को रोकने के लिए ट्रैक पर लेट गए थे। उन्हें शहीदों के रूप में सम्मानित किया गया था. 1947 के विभाजन तक, हर साल 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक पाहजा साहिब में उनकी याद में तीन दिवसीय धार्मिक मेला आयोजित किया जाता था.
कालका ने कहा कि सभी तीर्थयात्रियों को कोविड -19 के खिलाफ वैक्सीन की दोनों डोज लगी होनी. पाकिस्तान रवाना होने से तीर्थयात्रियों को 72 घंटे पहले एक टेस्ट से गुजरना होगा.
इसके अलावा, आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य है और अटारी-वाघा सीमा में संयुक्त चेकपोस्ट पर आगमन पर एक और आएटी टेस्ट किया जाएगा.
आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा आवास की व्यवस्था की जाएगी और इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टीज बोर्ड (ईटीपीबी) के कर्मचारी सभी गुरुद्वारों में कमरा नंबर जारी करेंगे.
कालका ने कहा कि डीएसजीएमसी रकाब गंज साहिब में अपने कार्यालय में तीर्थयात्रियों के लिए एक विशेष कोविड -19 परीक्षण शिविर आयोजित करेगा, जिसकी तारीखों का जल्द ही खुलासा किया जाएगा.