Pune Porsche Accident Update: पुणे दुर्घटना मामले में क्राइम ब्रांच ने एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पुलिस ने बताया कि आरोपी रईसजादे को बचाने के लिए उसके परिजनों ने एड़ी चोटी की जोर लगा दिया था. परिवार ने डॉक्टर से लेकर अन्य लोगों को मैनेज करने की कोशिश की. इसी के चलते 19 मई को ससून अस्पताल में नाबालिग आरोपी के अलावा तीन अन्य लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए थे. फिर दबाव में आकर ब्लड सैंपल को बदल दिया गया था. यह बात गिरफ्तार किए गए आरोपी डा. श्रीहरि हरनोल ने भी कबूल की है.
सूत्रों के मुताबिक, डा. हरनोल ने पहले नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल लिया था. इसके बाद उसकी मां शिवानी अग्रवाल और दो अन्य लोगों का ब्लड सैंपल लिया था. आरोपी नाबालिक को छोड़कर अन्य तीन लोगों के ब्लड सैंपल ऐसी जगह लिए गए थे, जहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं थे.
रईसजादे को बचाने के लिए मां ने बदला था ब्लड सैंपल
पुलिस सूत्र ने बताया कि, पुणे के किशोर की मां ने अपना जो ब्लड सैंपल दिया था, उसे पोर्श दुर्घटना के बाद उनके बेटे के खून के साथ बदल दिया गया था. यही वजह है कि जांच में शराब के कोई सबूत नहीं मिले. हालांकि, आरोपी डॉक्टर श्रीहरि हरनोल की गवाही के बाद सबकुछ स्पष्ट हो गया है. अब पुणे क्राइम ब्रांच नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल की तलाश में जुटी हुई है.
गौरतलब है कि 19 मई को तड़के नाबालिग आरोपी ने शराब के नशे में अपनी पोर्शे कार से एक मोटर साइकिल को रौंद दिया था. उस एक्सीडेंट में दो इंजीनियर की मौत हो गई थी. इसके बाद आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट ने निबंध लिखने की शर्त पर जमानत दे दी थी.