शाहीन बाग प्रदर्शन पर वार्ताकार वजाहत हबीबुल्लाह का SC में हलफनामा- धरना शांतिपूर्ण, पुलिस ने बेवजह बंद किए रास्ते
वजाहत हबीबुल्लाह ने अपने हलफनामे में पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए हैं. हलफनामे में कहा गया है कि धरना शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है. पुलिस ने बेवजह रास्ता बंद किया. अगर ब्लॉकिंग रोक दी जाती तो ट्रैफिक सामान्य तरीके से चलने लगता.
दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में नागरिकता संशोधन कानून (CAA), एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ 2 महीने से ज्यादा वक्त से विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच रविवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार वजाहत हबीबुल्ला (Wajahat Habibullah) ने सड़क बंद होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया. उन्होंने धरनास्थल पर पैदा हुए अफरातफरी के हालात के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है. वजाहत हबीबुल्लाह ने अपने हलफनामे में पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए हैं. हलफनामे में कहा गया है कि धरना शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है. पुलिस ने बेवजह रास्ता बंद किया. अगर ब्लॉकिंग रोक दी जाती तो ट्रैफिक सामान्य तरीके से चलने लगता.
हलफनामे में कहा गया है कि ने 5 जगहों से रोड ब्लॉक किया है. इससे अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया लोगों को परेशानी हुई. वजाहत हबीबुल्लाह ने कहा कि शाहीन बाग में लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा है. हलफनामे में उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से प्रदर्शनकारियों से बातचीत को लेकर कोई पहल नहीं की गई. उन्होंने कहा, सीएए, एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर सरकार को प्रदर्शनकारियों से बात करनी चाहिए.
वार्ताकार ने पुलिस पर उठाए गंभीर सवाल-
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को शाहीन बाग प्रोटेस्ट को दूसरी जगह शिफ्ट कराने के लिए वार्ताकार नियुक्त किया है, साथ ही वजाहत हबीबुल्लाह को वार्ताकारों का सहयोगी नियुक्त किया है. शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून और NRC के खिलाफ महिलाएं दो महीने से भी ज्यादा समय से धरने पर बैठी हैं.
इस बीच शनिवार को भी शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार साधना रामचंद्रन की चौथे दिन की बातचीत का भी कुछ नतीजा नहीं निकला. हालांकि शनिवार को नोएडा और फरीदाबाद जाने वाले एक वैकल्पिक रास्ते को खोल दिया गया. शनिवार को लगातार चौथे दिन शनिवार सुबह वार्ताकार रामचंद्रन यहां पहुंचीं और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रास्ता खोलने के लिए समझाया.
प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकार के समक्ष सात मांगें रखते हुए कहा कि जब तक CAA वापस नहीं लिया जाता, तब तक रास्ते को खाली नहीं किया जाएगा. वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने कहा, "हम आपको प्रदर्शन खत्म करने नहीं कह रहे हैं. लेकिन अगर रास्ता नहीं खुला तो हम आपकी मदद नहीं कर पाएंगे. " उन्होंने कहा, "मैं यहां सरकार की ओर से नहीं आई हूं. हम सुप्रीम कोर्ट से कहेंगे की आपको सुरक्षा दी जाए. आपको एक पार्क दे दिया जाएगा, जहां पर आप प्रदर्शन को जारी रख सकते हैं."