SC/ST ऐक्ट के विरोध में सवर्णों ने गांव में लगाया पोस्टर, लिखा- वोट मांगकर शर्मिंदा ना करें
सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: PTI )

बलिया. अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट) के तहत तुरंत गिरफ्तारी के प्रावधान की बहाली के नरेन्द्र मोदी सरकार के कदम के विरोध में बलिया जिले के सोनबरसा गांव में लोगों ने होर्डिंग लगायी है. जिला मुख्यालय से तकरीबन 38 किलोमीटर दूर बैरिया-दलनछपरा मार्ग पर स्थित सोनबरसा गांव के प्राथमिक विद्यालय के सामने गांव के प्रवेश द्वार पर लगी होर्डिंग चर्चा का विषय बनी हुई है.

होर्डिंग पर लिखा हुआ है ‘‘यह गांव सामान्य वर्ग का है। कृपया राजनीतिक पार्टियां वोट मांगकर शर्मिंदा ना करें, हम अपना वोट नोटा (किसी भी उम्मीदवार को नहीं) को देंगे. इस अनोखे विरोध प्रदर्शन की अगुवाई गांव के सामान्य वर्ग के युवा कर रहे हैं. इसमें शामिल रॉकी सिंह का कहना है कि एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोपी की तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान खत्म करने का उच्चतम न्यायालय का फैसला न्याय हित में था, लेकिन कुछ राजनीतिक दलों ने न्यायालय के फैसले को पलटकर अधिनियम के जरिये ब्लैकमेल करने का औजार उपलब्ध करा दिया है.

इसी गांव के रहने वाले विशाल मिश्रा ने कहा कि राजनीतिक दलों के लिये आम लोगों का हित और सरोकार कोई मायने नहीं रखता, उन्हें केवल सत्ता में बने रहने की ही चिन्ता है. बैरिया इलाके के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि युवाओं की भावनाएं उचित हैं लेकिन वह विरोध कर रहे युवाओं से नोटा का प्रयोग नहीं करने की गुजारिश करेंगे. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि अगर सवर्ण वर्ग के लोगों ने नोटा का प्रयोग कर दिया तो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.