Schools Reopening Guidelines Across India: 15 अक्टूबर से कैसे और किन शर्तों पर खुलेंगे स्कूल, यहां पढ़ें पूर्ण दिशानिर्देश
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह छूट दी है कि वे अपने हालातों को देखते और पैरेंट्स की सहमति से स्कूल खोल सकते हैं. किसी बच्चे को जबरदस्ती नहीं बुलाया जाएगा.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच जनजीवन सामान्य करने की कोशिशें जारी हैं. इसी क्रम में केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर से सभी स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है, इससे पहले सिर्फ कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोलने की छूट दी गई थी. फिलहाल यह छूट केवल नॉन-कंटेनमेंट जोन में आने वाले इलाकों के लिए दी गई है. स्कूल कब से खोले जाएंगे यह राज्य सरकार तय करेगी. शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से स्वास्थ्य, स्वच्छता और सुरक्षा के लिए अपनी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने करने का आग्रह किया है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल (Ramesh Pokhriyal) ने ट्वीट कर कहा कि छात्र अभिभावकों की लिखित सहमति से ही स्कूलों में जा सकते हैं. दिशानिर्देश स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL) के अनुसार जारी किए गए हैं. यह भी पढ़ें | Unlock 5 Guidelines: अनलॉक-5 की गाइडलाइन जारी, बुजुर्गों के लिये कितना सही है माहौल!
शिक्षा मंत्री ने कहा, छात्र शारीरिक रूप से उपस्थित होने के बजाय ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प चुन सकते हैं." केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह छूट दी है कि वे अपने हालातों को देखते और पैरेंट्स की सहमति से स्कूल खोल सकते हैं. किसी बच्चे को जबरदस्ती नहीं बुलाया जाएगा. SOP दो हिस्सों में है. पहला हिस्सा स्कूल खोलने के दौरान बच्चों की हेल्थ सेफ्टी के बारे में है. दूसरा शारीरिक / सामाजिक भेद के साथ सीखना. यह भी पढ़ें | Unlock 5.0: कोरोना संकट के बीच देश के इन हिस्सों में आज से खुल रहे हैं स्कूल, रेस्टोरेंट और बार, यहां पढ़ें पूरी जानकारी.
इन शर्तों पर खुलेंगे स्कूल:
- स्कूलों के फिर से खोले जाने के कम से कम दो से तीन सप्ताह के भीतर कोई भी एसेसमेंट टेस्ट नहीं लिया जाएगा.
- छात्र अभिभावकों की लिखित सहमति से ही स्कूलों में जा सकते हैं.
- स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए शिक्षा विभाग की SOP के आधार पर राज्य अपनी SOP तैयार करेंगे.
- जो भी स्कूल खुलेंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से राज्य के शिक्षा विभागों की SOPs का पालन करना होगा.
- सभी बच्चे और स्टाफ फेस कवर या मास्क पहनकर ही स्कूल आए. इसे हर वक्त पहना जाए.
- ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा.
- उपस्थिति मानदंडों में लचीलापन होगा. छात्र शारीरिक रूप से उपस्थित होने के बजाय ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प चुन सकते हैं.
- स्कूलों में मिड-डे मील तैयार करते और परोसे जाते समय सावधानी रखनी होगी.
- स्कूल के सभी एरिया, फर्नीचर, इक्विपमेंट, वॉटर टैंक, स्टेशनरी, स्टोरेज प्लेस, कैंटीन, वॉशरूम, लैब, लाइब्रेरी की लगातार साफ-सफाई हो और ऐसी जगहों को डिसइन्फेक्ट किया जाए.
- सिटिंग प्लान बनाते वक्त सोशल/फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाए. फंक्शंस और इवेंट्स को टाला जाए.
30 सितंबर को, गृह मंत्रालय (MHA) ने अपने अनलॉक 5 दिशानिर्देशों में कहा कि राज्य सरकारों को 15 अक्टूबर से एक क्रमबद्ध तरीके से स्कूल खोलने की अनुमति है. नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि स्कूल खोलने पर राज्य अपने निर्णय ले सकते हैं. अनलॉक 5 दिशानिर्देशों में कहा गया है कि छात्र अभिभावकों की लिखित सहमति से कक्षाओं में भाग ले सकते हैं.