Delhi: 3 महीने बाद जारी हुआ दिल्ली के 12 कॉलेजों में शिक्षकों का वेतन
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली, 23 दिसम्बर: दिल्ली (Delhi) सरकार ने दिल्ली के 12 कॉलेजों के शिक्षकों का वेतन जारी करने का निर्णय लिया है. बीते 3 महीनों से इन कॉलेजों में पढ़ा रहे शिक्षकों व अन्य स्टाफ को वेतन नहीं मिला है. शिक्षकों का वेतन जारी करने की प्रक्रिया बुधवार से ही शुरू कर दी गई है. शिक्षकों के वेतन के लिए दिल्ली सरकार ने 68.75 करोड़ रुपये की ग्रांट रिलीज की है. दिल्ली विश्वविद्यालय के यह सभी 12 कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं. मूल रूप से सैलरी 3 महीने अक्टूबर, नवम्बर और दिसंबर माह तक दी गई है. इसके अलावा एडजेस्टमेंट की अलग ग्रांट दी गई है.

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने शिक्षकों के वेतन के मुद्दे पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान उपमुख्यमंत्री एवं दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने आश्वासन दिया कि जिन कॉलेजों में दिल्ली सरकार की गवर्निग बॉडी बन गई है. साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन जिन 6 कॉलेजों में उनके सदस्यों के नामों को भेज देगा, उन कॉलेजों के लिए सरकार सैलरी रिलीज कर देगी. यह भी पढ़े:  Delhi Schools to Remain Closed: उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बोले- ‘जब तक वैक्सीन नहीं तब तक राजधानी में नहीं खुलेंगे स्कूल.

दिल्ली सरकार ने जो ग्रांट रिलीज की है वह अक्टूबर से दिसंबर माह तक की है. जिन कॉलेजों को ग्रांट रिलीज की जा रही हैं, उनमें भीमराव अंबेडकर कॉलेज, शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस, इंदिरा गांधी फिजिकल एजुकेशन, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, भाष्कराचार्य कॉलेज, आचार्य नरेंद देव कॉलेज , महर्षि वाल्मीकि कॉलेज , केशव महाविद्यालय ,दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज , भगिनी निवेदिता कॉलेज ,अदिति महाविद्यालय ,शहीद सुखदेव कॉलेज हैं. दिल्ली सरकार के अधिकांश कॉलेजों में सरकार की गवर्निग बॉडी बन गई है.

दिल्ली सरकार के वित्त पोषित इन 12 कॉलेजों को सरकार की ओर से सैलरी मद में कुल 68.75 करोड़ रुपये दिए गए हैं. यह राशि अक्टूबर से दिसंबर माह तक का वेतन है. दिल्ली सरकार के इन 12 कॉलेजों में 50 से 60 फीसदी एडहॉक टीचर्स, गेस्ट टीचर्स व कॉन्ट्रैक्टचुअल कर्मचारी है. दिल्ली सरकार के कॉलेजों की ग्रांट रिलीज कराने की मांग को लेकर डीटीए, डीन ऑफ कॉलेजिज डॉ. बलराम पाणी और सरकार के बीच संवाद भी करा चुका है.

डीटीए के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन (Hansraj Suman) ने बताया है कि दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों के एडहॉक शिक्षकों , कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों, गेस्ट टीचर्स के सामने लॉक डाउन व कोविड के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहे थे. डीटीए के उपाध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र पांडे (Narendra Pandey) ने कहा, "इन शिक्षकों और कर्मचारियों में ज्यादातर लोग किराए के मकानों में रहते हैं, अपनी ईएमआई, गाड़ी की किस्त आदि समय पर न भरने की वजह से तनाव में थे. सैलरी रिलीज होने पर वह खुशी महसूस कर रहे हैं."