सबरीमाला विवाद: हिंसा मामले में 1500 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 210 के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ केरल पुलिस ने बड़ा अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत केरल पुलिस दो दिनों में 1500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

सबरीमाला मंदिर (File Photo)

तिरुवनंतपुरम: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कई दिनों बाद तक सबरीमाला विवाद जारी है. इसी के चलते केरल पुलिस ने सबरीमाला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत केरल पुलिस दो दिनों में 1500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. शीर्ष अदालत के फैसले के बाद सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने से मासिक धर्म की महिलाओं को रोकने के लिए हिंसा का सहारा लेने वाले प्रदर्शनकारियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने ये कदम उठाया है.

केरल पुलिस ने 210 लोगों के खिलाफ बड़ा सर्च अभियान चलाया है. ये वे लोग हैं, जिन पर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के विरोध में पिछले हफ्ते सबरीमाला, पंबा और निलाक्कल में हुई हिंसा में शामिल होने का शक है. इन सभी के खिलाफ पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. पुलिस का कहना है कि अभी और अधिक गिरफ्तारी की जाएगी. इसके साथ ही जनता से अपराधियों के बारे में जानकारी भेजने के लिए कहा गया है.

बता दें कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हिंसा फैलान वालों की पहचान के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज का इस्तेमाल कर रही है. पुलिस अब तक करीब 2000 लोगों पर केस दर्ज कर चुकी है. सबरीमाला में प्रवेश की कोशिश करने वाली रेहाना फातिमा का हुआ ट्रांसफर

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 17 अक्टूबर को पांच दिवसीय मासिक पूजा के लिए मंदिर खोला गया था. इसके बाद से भगवान अयप्पा के भक्तों ने मंदिर परिसरों और बेस शिविरों, निलाक्कल और पंबा समेत आस-पास के इलाकों में आंदोलन तेज कर दिया था. इस दौरान मंदिर परिसर का माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था, कई जगहों से हिंसा की खबरें भी मिली.

अभी तक नहीं मिला महिलाओं को मंदिर में प्रवेश

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कुछ महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश जरूर की लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 10 से 50 साल उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के ऐतिहासिक फैसले के बावजूद एक भी महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई. सबरीमाला विवाद पर बोलीं स्मृति ईरानी- क्या लड़कियां दोस्त के घर खून से सना सैनिटरी नैपकिन लेकर जाती है?

प्रवेश करने वाली महिलाओं का हुआ कड़ा विरोध

सुप्रीम कोर्ट से 10-50 उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश के इजाजत के बार 2 पत्रकारों समेत अभी तक 9 महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की. लेकिन इनमें से कोई भी मंदिर में प्रवेश करने में सफल नहीं हुई. इन सभी को कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. साथ ही मंदिर के मुख्य पुजारी ने भी यह कहा था कि अगर किसी महिला ने मंदिर में प्रवेश किया, तो वो मंदिर में ताला लगा देंगे. सोमवार को एक महीने के लिए मंदिर के कपाट फिर से बंद हो चुके हैं.

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