मुंबई: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को केरल की प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवादित बयान दिया है. कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने सबरीमाला मुद्दे पर कहा कि सबको मंदिर में पूजा करने का हक़ है लेकिन दूषित करने का अधिकार नहीं है.
एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी नेता स्मृति इरानी ने कहा, “मुझे पूजा करने का अधिकार है लेकिन अपवित्र करने का नहीं.' उन्होंने आगे कहा, 'मैं मौजूदा केंद्रीय मंत्री हूं इसलिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी नहीं कर सकती हूं लेकिन क्या आप माहवारी के खून से सने सैनिटरी नैपकिन को लेकर अपने दोस्त के घर जाएंगी? तो आप भगवान के घर पर उसे लेकर क्यों जाना चाहती हैं.'
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सबरीमाला में स्थित भगवान अय्यप्पा के मंदिर में महिलाओं को प्रवेश के लिए आयु प्रमाणपत्र दिखाना पड़ता है. इस मंदिर में 10 वर्ष से 50 वर्ष तक की महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाता. दरअसल महिलाओं के उस समूह को मंदिर में प्रवेश से रोका जाता है जिन्हें माहवारी होती है. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने 28 सितंबर को एक आदेश में इस प्रथा को समाप्त कर दिया.
#WATCH Union Minister Smriti Irani says," I have right to pray,but no right to desecrate. I am nobody to speak on SC verdict as I'm a serving cabinet minster. Would you take sanitary napkins seeped in menstrual blood into a friend's home? No.Why take them into house of God?" pic.twitter.com/Fj1um4HGFk
— ANI (@ANI) October 23, 2018
लेकिन इसके बावजूद 17 अक्टूबर से मंदिर के द्वार खुलने के बाद भी कोई महिला दर्शन नहीं कर पाई है. पूरा मंदिर युद्धस्थल के रूप परिवर्तित हो चुका है. मंदिर के पुजारी तंत्री ने दर्शन से प्रतिबंधित आयु वर्ग की महिलाओं द्वारा मंदिर में प्रवेश की कोशिश करने पर सबरीमाला मंदिर के द्वार बंद करने की धमकी दी है.
बता दें कि इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन और अन्य ने इस प्रथा को चुनौती दी थी. उन्होंने याचिका में कहा है कि यह प्रथा लैंगिक आधार पर भेदभाव करती है, इसे खत्म किया जाना चाहिए. वहीँ केरल सरकार ने भी मंदिर में सभी महिलाओं के प्रवेश की वकालत की थी.