प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ की जिस गुफा में लगाया था ध्यान, वह अक्टूबर तक House Full
लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव प्रचार खत्म करने के बाद पीएम मोदी उत्तराखंड (Uttarakhand) ने 18 मई को केदारनाथ के जिस गुफा में साधना किया था. अब वो आगामी 31 अक्टूबर तक के लिए फुल बुक हो चुकी हैं. इस गुफा में अब तक 46 लोग साधना कर चुके हैं. आम से अब यह गुफा स्पेशल बन चुकी है. बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं. यह गुफा केदारनाथ मंदिर के बायीं ओर की पहाड़ी पर स्थित है. यह ध्यान गुफा (Dhyan Gufa) केदारनाथ मंदिर परिसर से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर बनी है. पीएम मोदी ने जिस गुफा में ध्यान लगाया था उसका प्रबंधन गढ़वाल मंडल विकास निगम के जिम्मे है.
लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव प्रचार खत्म करने के बाद पीएम मोदी उत्तराखंड (Uttarakhand) ने 18 मई को केदारनाथ के जिस गुफा में साधना किया था. अब वो आगामी 31 अक्टूबर तक के लिए फुल बुक हो चुकी हैं. इस गुफा में अब तक 46 लोग साधना कर चुके हैं. आम से अब यह गुफा स्पेशल बन चुकी है. बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं. यह गुफा केदारनाथ मंदिर के बायीं ओर की पहाड़ी पर स्थित है. यह ध्यान गुफा (Dhyan Gufa) केदारनाथ मंदिर परिसर से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर बनी है. पीएम मोदी ने जिस गुफा में ध्यान लगाया था उसका प्रबंधन गढ़वाल मंडल विकास निगम के जिम्मे है.
बता दें कि इस गुफा को रात्रि के लिए 1500 रूपये में और दिन में सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक के लिए 999 रूपये में बुक कराया जा सकता है. वैसे यह गुफा नितांत एकांत स्थान है लेकिन उसमें एक फोन लगाया गया है जिसे आपात स्थिति में आंगुतक इस्तेमाल कर सकता है. इस गुफा में आगंतुकों के लिए बिजली पानी की व्यवस्था है और इसके भीतर बाथरूम और हीटर भी है. यहां पर्यटक को सुबह की चाय, नाश्ता, लंच, शाम की चाय और डिनर परोसा जाता है, सुविधा के अनुसार इन सेवाओं के समय में फेरबदल किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग आज कर सकता है प्रेस कॉन्फ्रेंस, हो सकता है तारीखों का ऐलान
गौरतलब हो कि केदारनाथ में रुद्र ध्यान नामक जिस गुफा में कभी सन्नाटा पसरा रहता था, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्यान लगाने के बाद गुलजार हो गई है. यह गुफा कोई प्राकृतिक गुफा नहीं है, बल्कि भूमिगत है. यह गुफा गढ़वाल मंडल विकास निगम की टूरिज्म प्रॉपर्टी है. मंदाकिनी नदी के एक छोर पर बनायी गई इस गुफा का निर्माण नेहरु पर्वतारोहण संस्थान द्वारा किया गया है.