कॉयर जियो टेक्सटाइल्स से सड़क निर्माण को मंजूरी, पहली बार केरल में हुआ था ट्रायल
देश के ग्रामीण इलाकों में कॉयर जियो टेक्सटाइल्स का इस्तेमाल कर सड़क निर्माण कार्य को केंद्र सरकार ने बुधवार को मंजूरी दी.इसके साथ ही सात राज्यों के ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण का कार्य जल्द शुरू हो जाएगा.
देश के ग्रामीण इलाकों में कॉयर जियो टेक्सटाइल्स (Coir Geo Textiles) का इस्तेमाल कर सड़क निर्माण कार्य को केंद्र सरकार ने बुधवार को मंजूरी दी. इसके साथ ही सात राज्यों के ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण का कार्य जल्द शुरू हो जाएगा. आपको बता दें कि इस संबंध में राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी ने इन सभी राज्यों को पिछले महीने पत्र लिखा था, जिसमें सभी राज्यों से उन गांवों के नाम भेजने को कहा गया है, जहां-जहां इस नई तकनीक से सड़क निर्माण होना है. इस नई तकनीक से सड़क बनाने का कार्य पीएमजीएसवाई-III के तहत किया जाएगा.
सड़क निर्माण के लिए पीएमजीएसवाई की नई प्रौद्योगिकी दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रस्तावों के प्रत्येक बैच के सडकों की कुल लम्बाई के 15 प्रतिशत में नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके निर्माण किया जाना है। इनमें से 5 प्रतिशत सड़कों का निर्माण आईआरसी मान्यता प्राप्त प्रौद्योगिकी का उपयोग करके किया जाना है. आईआरसी ने अब ग्रामीण सड़क निर्माण के लिए कॉयर जियो टेक्सटाइल्स को मान्यता दी है.7 राज्यों में कॉयर जियो टेक्सटाइल्स का उपयोग करके 1674 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाएगा. इसमें एक करोड़ वर्ग मीटर कॉयर जियो-टेक्सटाइल्स की आवश्यकता होगी.इसकी अनुमानित लागत 70 करोड़ रुपए है. यह भी पढ़े: अगले दो वर्ष में सड़क निर्माण पर खर्च होंगे 15 लाख करो़ड़ रुपये, वाहन कबाड़ नीति जल्द: गडकरी
क्या है जियो टेक्सटाइल्स रोड
कॉयर जियो टेक्सटाइल्स एक पारगम्य फैब्रिक है तथा प्राकृतिक, मजबूत, अत्यधिक टिकाऊ, टूट-फूट, मोड़ एवं नमी प्रतिरोधी है. इस पर सूक्ष्मजीव (माइक्रोबियल) हमला नहीं कर पाते हैं.ग्रामीण सड़क निर्माण के लिए एक अच्छी सामग्री के रूप में स्वीकार किया गया है.इसमें जियो-सिंथेसिस के माध्यम से सड़कों का निर्माण दुनिया के कई हिस्सों में किया जाता है, लेकिन कॉयल जियोटेक्सटाइल्स का प्रयोग बहुत कम जगहों पर किया जाता है. इस तकनीक से बनने वाली सड़क की लागत काफी कम होती है। यह सड़क लंबे समय तक बनी रहती है. पार्किंग स्थल बनाने में या छोटी सड़कें बनाने में इसका प्रयोग किया जा सकता है.
पहली बार कहां बनी कॉयर की सड़क
इस तकनीकी का प्रयोग सबसे पहले फ्री ट्रायल के रूप में केरल के कोन्नी स्थित राजीव गांधी इंनडोर स्टेडियम में किया गया था.इस परियोजना के अंतर्गत कोन्नी-पूनकावु मेन रोड से लेकर राजीव गांधी इनडोर स्टेडियम के खुले मैदान तक 6.5 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया गया। इसकी लंबाई करीब 50 मीटर है। इसमें 740 जीएसएम कॉयर जियोटेक्सटाइल्स का प्रयोग किया गया.
किस राज्य में कितने किलोमीटर लंबी सड़कें बनेंगी
ओडिशा - 470 किलोमीटर
तमिलनाडु - 369 किलोमीटर
महाराष्ट्र - 328 किलोमीटर
आंध्र प्रदेश - 164 किलोमीटर
गुजरात - 151 किलोमीटर
तेलंगाना - 121 किलोमीटर
केरल - 71 किलोमीटर
इस प्रस्ताव पर केन्द्रीय एमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण बात है क्योंकि हम अब कॉयर जियो टेक्सटाइलकासड़क निर्माण में उपयोग कर सकते हैं। इस निर्णय से कॉयर उद्योग को विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के इस कठिन समय में बढ़ावा मिलेगा.