नयी दिल्ली, 10 जून : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology), मद्रास के अनुसंधानकर्ता समुद्री यातायात पर नजर रखने में मदद के लिए एक स्वदेशी जलपोत यातायात सॉफ्टवेयर (VTS) का विकास कर रहे हैं. मैरीटाइम विजन 2030 की कार्ययोजना में शामिल रही सॉफ्टवेयर विकास परियोजना आईआईटी मद्रास और तूतिकोरिन (तमिलनाडु) के वीओसी बंदरगाह ट्रस्ट के बीच साझेदारी का हिस्सा है. इसके लिए एक सहमति-पत्र पर हाल ही में दस्तखत किये गये थे.
प्रस्तावित सॉफ्टवेयर बढ़ते समुद्री यातायात पर नजर रखने में मददगार होगा और समुद्री क्षेत्र में वैश्विक तकनीक विकास के साथ रफ्तार पकड़ने में इससे मदद मिलेगी. वीओसी बंदरगाह ट्रस्ट के अध्यक्ष टी के रामचंद्रन के अनुसार वीओसी बंदरगाह वीटीएस प्रणाली के लिहाज से स्वदेशी सॉफ्टवेयर के विकास के लिए आईआईटी मद्रास में राष्ट्रीय बंदरगाह, जलमार्ग और समुद्रतट प्रौद्योगिकी केंद्र के साथ एमओयू करने वाला भारत का पहला बड़ा पत्तन है. यह भी पढ़ें : UP Politics: सरकार और संगठन में फेरबदल की अटकलों के बीच सीएम योगी पहुंचे दिल्ली, कल पीएम मोदी-नड्डा और शाह से कर सकते हैं मुलाकात
आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर के. मुरली ने कहा, ‘‘स्वदेश निर्मित वीटीएस सॉफ्टवेयर प्रणाली भारत के लिए अन्य स्वेदशी प्रौद्योगिकी हल निकालने में रास्ता बनाएगी.’’