Republic Day 2025: भारतीय सेना का जबरदस्त प्रदर्शन! ब्रह्मोस, पिनाका और AGNIBAAN, गणतंत्र दिवस पर भारत की मिसाइलों ने दुनिया को चौंकाया

नई दिल्ली: भारत की स्वतंत्रता और शक्ति के प्रतीक, भारतीय सेना ने 76वें गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर अपनी सैन्य ताकत और आत्मनिर्भरता का ऐसा प्रभावशाली प्रदर्शन किया कि हर भारतीय का दिल गर्व से भर उठा. ब्रह्मोस, पिनाका रॉकेट सिस्टम, और BM-21 AGNIBAAN जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के जरिए भारतीय सेना ने यह साबित कर दिया कि हम सिर्फ अपनी सीमाओं की रक्षा नहीं करते, बल्कि अपनी ताकत का दायरा दिन-ब-दिन बढ़ाते जा रहे हैं.

ब्रह्मोस मिसाइल: "सर्वश्रेष्ठ, सबसे तेज"

344 मिसाइल रेजिमेंट की ब्रह्मोस मिसाइल डिटैचमेंट का नेतृत्व किया कैप्टन सूरज सिंह ने. यह वही ब्रह्मोस मिसाइल है, जो एक साथ दुश्मन के गढ़ को नष्ट करने की क्षमता रखती है और अपनी 400 किलोमीटर की रेंज से दुश्मन को घुटनों पर ला देती है. यह एक अद्वितीय, सुपरसोनिक, उच्च-निर्देशन वाली क्रूज मिसाइल है, जो अपने सटीक निशाने के साथ दुश्मन के दिल में घुसकर तगड़ा प्रहार करती है.

344 मिसाइल रेजिमेंट ने अपने अस्तित्व के महज कुछ सालों में ही कई इतिहास रचे हैं. जोजिला पास से लेकर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तक, जहां एक कठिन और चुनौतीपूर्ण माहौल में भी ब्रह्मोस मिसाइल ने अपनी ताकत दिखाई. यह रेजिमेंट न केवल भारतीय सेना के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बन गई है. उनका आदर्श वाक्य, "सबसे आगे, सबसे तेज" इस बात का प्रमाण है कि हम हर मोर्चे पर सबसे आगे हैं, सबसे तेज हैं, और कभी भी रुकने वाले नहीं हैं.

पिनाका रॉकेट सिस्टम: "शक्ति, सटीकता, और विजय"

301 रॉकेट रेजिमेंट (पिनाका) का नेतृत्व किया लेफ्टिनेंट तुषार तोमर ने. पिनाका, जो भगवान शिव के धनुष से प्रेरित है, अपने रॉकेट सिस्टम से दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने की जबरदस्त क्षमता रखता है. यह रॉकेट सिस्टम अपनी अद्वितीय सटीकता और 75 किलोमीटर तक की लंबी दूरी से युद्धक्षेत्र में दुश्मन की नींव हिलाने की क्षमता रखता है. पिनाका केवल एक रॉकेट सिस्टम नहीं, बल्कि एक ऐसी शक्ति है, जो पूरी दुनिया को यह संदेश देती है कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती को स्वीकारने के लिए हमेशा तैयार है.

301 रॉकेट रेजिमेंट का इतिहास साहस और वीरता से भरा हुआ है. इसने न केवल ऑपरेशन विजय में भाग लिया, बल्कि ऑपरेशन खुखरी (सिएरा लियोन), ऑपरेशन रक्षाक, और लाइन ऑफ कंट्रोल पर भी अपनी क्षमता का परिचय दिया है. इन 65 वर्षों में इस रेजिमेंट ने ढेरों सम्मान और पुरस्कार हासिल किए हैं, और इसका आदर्श वाक्य "वीरावल वेत्रिवेल" - विजयी भाला, साहसी भाला - भारतीय सेना की शक्ति और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है.

BM-21 AGNIBAAN: भारतीय आर्टिलरी की ताकत

अब बात करते हैं BM-21 AGNIBAAN की. यह 122 मिमी मल्टीपल बैरल रॉकेट लॉन्चर भारतीय आर्टिलरी का एक ऐसा हथियार है, जिसने अपनी क्षमता से हर दुश्मन को चुनौती दी है. 213 रॉकेट रेजिमेंट के कैप्टन मनोज चोनीयल के नेतृत्व में इस रॉकेट सिस्टम ने गणतंत्र दिवस परेड में अपनी ताकत और प्रभाव का अद्भुत प्रदर्शन किया. Kargil युद्ध में, BM-21 AGNIBAAN ने दुश्मन की उंचाई पर स्थित ठिकानों को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, और आज भी यह भारतीय सेना की महत्वपूर्ण संपत्ति बनी हुई है.

BM-21 AGNIBAAN का उन्नयन भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम और बढ़ाता है. इसका "आत्मनिर्भर भारत" की दिशा में किया गया उन्नयन भारतीय सेना की क्षमता और स्वावलंबन का प्रतीक है. उन्नत प्लेटफॉर्म, बेहतर मोबाइलिटी और अत्यधिक बढ़ी हुई क्षमता के साथ, यह रॉकेट सिस्टम भारतीय आर्टिलरी के सबसे ताकतवर हथियारों में से एक बन चुका है.

गणतंत्र दिवस परेड: भारत की शक्ति का प्रदर्श

गणतंत्र दिवस 2025 ने भारतीय सेना के अद्वितीय और अभूतपूर्व प्रदर्शन को देखा, जिसने केवल अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन नहीं किया, बल्कि यह भी साबित किया कि भारतीय सेना आत्मनिर्भरता, तकनीकी विकास और ताकत के मामले में सबसे आगे है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया, और 21 तोपों की सलामी दी, जिसमें स्वदेशी 105 मिमी हल्के फील्ड गन का उपयोग किया गया. यह सलामी, एक नए भारत की ताकत और सैन्य आत्मनिर्भरता का प्रतीक थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर राष्ट्रपति मुर्मू के साथ ध्वजारोहण किया. गणतंत्र दिवस 2025 ने यह साबित कर दिया कि भारत की सेनाएं हर चुनौती के लिए तैयार हैं, और हम एक नई शक्ति, एक नई आशा और आत्मविश्वास के साथ दुनिया के मंच पर खड़े हैं.

इस अद्वितीय प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय सेना की ताकत केवल हमारी तकनीकी क्षमताओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे दृढ़ संकल्प, साहस और जोश का भी प्रतीक है. यह पूरी दुनिया को यह संदेश देता है कि जब बात देश की सुरक्षा की होती है, तो हम कभी भी पीछे नहीं हटते.